केंद्रीय मंत्री ने सरेआम दरोगा को दी वर्दी उतरवाने की धमकी, जानिए मामला
भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता पर 'गुंडा एक्ट' लगाने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक दरोगा को सरेआम वर्दी उतरवाने की धमकी दी। बिहार के बक्सर में एक जनता दरबार के दौरान मंत्री जी का ये रौद्र रूप नजर आया और वो दरोगा को सरेआम धमकाने लगे। घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि चौबे किस तरीके से गुस्से में पुलिस अधिकारी को डांट लगा रहे हैं।
मंत्री जी ने दरोगा से पूछा- आपको ये गुंडा दिखता है?
दरअसल जनता दरबार के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता ने केंद्रीय मंत्री चौबे से शिकायत की कि पुलिस ने बेवजह उसका नाम गुंडा रजिस्टर में डाल दिया है। चौबे ने मौके पर मौजूद दरोगा को तलब करते हुए उससे इस पर जवाब मांगा। वह दरोगा से पूछ रहे हैं, "आप जानते हैं कि ये गुंडा है? आपने गुंडा देखा है कभी? ये गुंडा है? चुप... ये गुंडा दिख रहा है आपको? तो फिर आपने गुंडा का नोटिस क्यों दिया?"
"गुंडागर्दी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करती पुलिस"
दरोगा से सवाल-जबाव करते हुए चौबे पूछ रहे हैं, "किसने कहा था आपको? SP कहा था, DSP कहा था, MP कहा था। आप बताइए। आप एक पदाधिकारी हो, आप दरोगा जी हो, आप पर सरकार का दारोमदार है और आप इस तरीके से व्यवहार करते हो। किसी को भी गुंडा बता देंगे आप।" उन्होंने आगे कहा, "जो गुंडा है उसको तो आप गुंडागर्दी करने देते हैं और जो इंसान आदमी है उनको गुंडा बता देते हैं, नोटिस दे देते हैं।"
दरोगा से बोले चौबे, इसके लिए आपकी वर्दी उतर सकती है
दरोगा को वर्दी उतरवाने की धमकी देते हुए चौबे आगे कहते हैं, "अगर अभी उसी नोटिस के बदले आप पर कार्रवाई शुरू कर दें तो कहां जाओगे आप? आपका वर्दी उतर सकता है। आप बात समझ रहे हैं, आपका वर्दी उतर सकता है। भविष्य में इस प्रकार का कोई काम नहीं।" इसके बाद चौबे ने DSP को नोटिस वापस लेने और मामले की जांच करने का आदेश दिया और शिकायतकर्ता को DSP को आवेदन सौंपने को कहा।
सुनें मंत्री जी ने क्या कहा
कड़क स्वभाव के लिए जाने जाते हैं अश्विनी चौबे
बता दें कि केंद्र सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी चौबे को उनकी कड़क छवि के लिए जाना जाता है। लोकसभा चुनाव के समय भी उनका ऐसा एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक अधिकारी को बीच सड़क धमका रहे थे।
वीडियो वायरल होने के बाद चौबे ने पेश की सफाई
वीडियो वायरल होने और एक पुलिस अधिकारी को सरेआम धमकाने के लिए आलोचना होने पर अश्विनी चौबे ने मामले में सफाई पेश की है। सफाई देते हुए उन्होंने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "2003 में भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले भाजपा और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के कुछ कार्यकर्ताओं को तत्कालीन प्रशासन द्वारा गुंडा कहा गया था। मैंने पुलिस अधिकारी से कहा कि किसी को गुंडा कहना सही नहीं है।"