संसद में आज से धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा, NEET मुद्दे पर हंगामे के आसार
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में आज संसद में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इस दौरान राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET) को लेकर दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिल सकता है। विपक्ष इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए लोकसभा में 21 घंटे की चर्चा तय की गई, जिसमें से भाजपा को 8 घंटे का समय आवंटित किया गया है।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी बोलेंगे
लोकसभा में आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना पक्ष रखेंगे। राहुल के बाद समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव भी अपनी बात रखेंगे। भाजपा की तरफ से लोकसभा में अनुराग ठाकुर और राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी चर्चा की शुरुआत करेंगे। दोनों सदन में चर्चा के लिए 21-21 घंटे तय किए गए हैं। NEET, अग्निपथ योजना और महंगाई जैसे कई मुद्दों पर संसद में हंगामा हो सकता है।
क्या है विपक्ष की योजना?
विपक्षी पार्टियों ने सहमति से NEET, अग्निवीर, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को उठाने का फैसला किया है। इसके लिए विपक्ष नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव ला सकता है। अगर प्रस्तावों को अनुमति नहीं दी गई तो सांसद पहले सदन के अंदर विरोध करेंगे और स्थगन के लिए मजबूर करेंगे। स्थगन नामंजूर होने पर विपक्षी पार्टियां संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। माना जा रहा है कि दोनों सदनों में एक जैसी रणनीति अपनाई जा सकती है।
क्या बोले विपक्षी नेता?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "संसद में सभी मुद्दों पर बहस होगी, चाहे राष्ट्रपति का अभिभाषण हो या डिप्टी स्पीकर का चुनाव।" द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) सांसद टी शिवा ने कहा कि हम NEET मुद्दे पर संसद में स्थगन का नोटिस देंगे। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा, "विपक्ष एकजुट है और वह संसद में NEET, अग्निवीर, महंगाई, बेरोजगारी और MSP के मुद्दे उठाएगा। बेनीवाल अब INDIA में शामिल हो गए हैं।
भाजपा ने भी बनाई रणनीति
हंगामे के आसार को भांपते हुए भाजपा ने भी अपनी तैयारी कर रखी है। पार्टी ने 27 जून को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में अपने सांसदों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और वरिष्ठ नेताओं ने नवनिर्वाचित सांसदों को बताया कि संसद में मुद्दों को किस तरह से उठाना चाहिए, अपनी बात कैसे रखनी चाहिए और विपक्षी पार्टियों के आरोपों का जवाब कैसे देना चाहिए।
आपातकाल को लेकर हो रहा है हंगामा
लोकसभा के मौजूदा सत्र में स्पीकर ओम बिरला और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आपातकाल का जिक्र किए जाने को लेकर खूब विवाद हो रहा है। 26 जून को बिरला ने अपने संबोधन में 1975 में आपातकाल लगाए जाने की निंदा की थी। राष्ट्रपति ने भी आपातकाल को संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय बताया था। इस पर कांग्रेस ने स्पीकर को पत्र लिख आपत्ति जताई थी।