संसद सत्र: केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और NEET पर हंगामे के आसार, विपक्ष करेगा धरना प्रदर्शन
क्या है खबर?
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे हफ्ते में आज फिर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिल सकता है।
विपक्ष ने कहा है कि वो आज केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन करेगा, वहीं राष्ट्रीय प्रवेश सह-पात्रता परीक्षा (NEET) को लेकर भी लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदन में भारी हंगामे के आसार हैं।
NEET मुद्दे पर पहले भी हंगामा हो चुका है।
बहस
अनुराग ठाकुर कर सकते हैं बहस की शुरुआत
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर करेंगे। इसके बाद नई दिल्ली लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बनीं बांसुरी स्वराज चर्चा करेंगी।
लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के लिए 16 घंटे आवंटित किए गए हैं, जबकि राज्यसभा में 21 घंटे मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई को लोकसभा, जबकि 3 जुलाई को राज्यसभा में जवाब दे सकते हैं।
स्थगन प्रस्ताव
पेपर लीक पर कांग्रेस ने पेश किया स्थगन प्रस्ताव
विपक्ष NEET के अलावा अग्निपथ योजना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। कांग्रेस ने कहा है कि संसद को एक कानून पारित करना चाहिए, ताकि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण उपलब्ध कराया जा सके। संभावना है कि इस मुद्दे को भी पार्टी संसद में उठा सकती है।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में पेपर लीक के मामलों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।
डिप्टी स्पीकर
डिप्टी स्पीकर को लेकर भी हंगामे के आसार
विपक्षी गठबंधन INDIA लोकसभा स्पीकर पद के बाद अब डिप्टी स्पीकर के पद के लिए पूरा जोर लगाने की तैयारी में है। इसे लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) में सहमति बन चुकी है।
ममता बनर्जी ने डिप्टी स्पीकर पद के लिए फैजाबाद (अयोध्या) के सांसद अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाने की सलाह दी है। उनका मानना है कि इससे न सिर्फ दलित समाज को अच्छा संदेश जाएगा, बल्कि भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ेंगी।
कानून
कांग्रेस ने नए आपराधिक कानूनों पर उठाए सवाल
आज से नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'चुनाव में राजनीतिक व नैतिक झटके के बाद मोदी जी और भाजपा वाले संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहें हैं, पर सच तो ये है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए हैं। INDIA अब ये 'बुलडोजर न्याय' संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा।'