आयकर विभाग का कांग्रेस को नोटिस, चंदे में 170 करोड़ रुपये कालाधन लेने का आरोप
मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो आयकर विभाग ने कथित तौर पर 170 करोड़ रुपये का कालाधन चंदे के तौर पर लेने के लिए कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि हैदराबाद की एक कंपनी ने हवाला के जरिए कांग्रेस को 170 करोड़ का चंदा दिया था। मामले में कांग्रेस के आयकर विभाग को दस्तावेज जमा न करने के बाद सोमवार को ये नोटिस जारी किया गया है।
कंपनी पर आयकर विभाग के छापे में हुआ खुलासा
खबरों के अनुसार, हैदराबाद की एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी पर आयकर विभाग के छापे में कंपनी के हवाला के जरिए कांग्रेस को 170 करोड़ रुपये देने की बात सामने आई थी। आरोपों के अनुसार, इस कंपनी के पास कई सरकारी प्रोजेक्ट हैं और इन प्रोजेक्ट्स में फर्जी बिलों के जरिए कंपनी ने ये पैसा हासिल किया था। मामले में आयकर विभाग ने 4 नवंबर को कांग्रेस के शीर्ष पदाधिकारियों को नोटिस भेजा था, लेकिन किसी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया।
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को भी भेजा जा सकता है नोटिस
कांग्रेस पदाधिकारियों के जवाब न देने और संबंधित दस्तावेज जमा न करने के बाद के बाद अब आयकर विभाग ने पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कंपनी ने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) को भी 150 करोड़ रुपये चंदा दिया था और उन्हें भी नोटिस भेजा जा सकता है। खबरों के अनुसार, इस कंपनी की कुल कीमत 3,000 करोड़ रुपये है और विभाग पार्टी के अन्य लाभार्थियों की भी जांच कर रहा है।
क्या होता है हवाला?
जैसा कि नाम से ही जाहिर है हवाला में किसी व्यक्ति या संगठन का हवाला देकर पैसों को लेन-देन होता है। इस पूरी व्यवस्था में पैसा बैंक से होकर नहीं जाता और मौखिक वादों की अहमियत होती है। ये कालेधन का एक बड़ा स्त्रोत है।
हाल ही में राहुल गांधी को लगा था आयकर विभाग से झटका
बता दें कि इससे पहले नवंबर में भी कांग्रेस को आयकर विभाग की ओर से एक बड़ा झटका लगा था। 16 नवंबर को आयकर न्यायाधिकरण ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि यंग इंडियन एक चैरिटेबल संस्था नहीं है और उसे टैक्स में छूट नहीं मिल सकती। न्यायाधिकरण के इस फैसले के बाद राहुल के खिलाफ 100 करोड़ टैक्स केस को फिर से खोलने का रास्ता साफ हो गया है।
अक्टूबर में मिली थी स्विस बैंकों में धन जमा करने वाले भारतीयों की सूची
गौरतलब है कि हाल ही में भारत सरकार को स्विस बैंकों में धन जमा करने वाले भारतीय नागरिकों की पहली सूची मिली थी। दोनों देशों के बीच हुए ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफोर्मेशन (AEOI) समझौते के तहत भारत सरकार को ये जानकारियां सौंपी गई थीं। सरकार को जिन खातों की जानकारी मिली है उनमें सभी खाते गैरकानूनी नहीं है और जांच के बाद ही ये स्पष्ट होगा कि इनमें कितने काले धन के खाते हैं।