मुख्यमंत्री पद को लेकर आमने-सामने आएंगे भाजपा-शिवसेना? उद्धव ठाकरे ने कही 50-50 फॉर्मूले की बात
क्या है खबर?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो गए हैं और भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का गठबंधन सत्ता में वापसी करने जा रहा है।
288 सीटों वाले महाराष्ट्र में बहुमत का आंकड़ा 145 सीट है और भाजपा-शिवसेना गठबंधन 159 सीटों पर आगे चल रहा है।
जीत तय होने के बीच भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर लड़ाई शुरू होती हुई नजर आ रही है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार में 50-50 फॉर्मूले की बात कही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
उद्धव बोले, गठबंधन से पहले तय हुआ था 50-50 फॉर्मूला
चुनाव नतीजों की तस्वीर साफ होने के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भाजपा और शिवसेना गठबंधन में सरकार बनाएंगी लेकिन वह इसे लेकर जल्दबाजी में नहीं है।
मुख्यमंत्री पद पर सवाल पूछे जाने पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "गठबंधन से पहले भाजपा और शिवसेना में सरकार में 50-50 हिस्सेदारी के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। भाजपा के साथ चर्चा की जाएगी और तब फैसला लिया जाएगा कि कौन मुख्यमंत्री होगा।"
जानकारी
क्या है 50-50 फॉर्मूला?
बता दें कि सरकार में 50-50 हिस्सेदारी का मतलब मंत्रिमंडल में बराबर पद से हैं। इस 50-50 फॉर्मूले में मुख्यमंत्री का पद शामिल था या नहीं, इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है। हालांकि नतीजों के बाद शिवसेना इसे एक शर्त बना सकती है।
बयान
"पिता होने के नाते आदित्य पर गर्व"
इस दौरान उद्धव ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव से समझौता करते आ रहे हैं लेकिन वह ऐसा करना जारी नहीं रख सकते।
उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी को आगे ले जाना है और जरूरत पड़ी तो अमित शाह से बात की जाएगी।
पहली बार चुनाव लड़ रहे अपने बेटे आदित्य ठाकरे की जीत पर उन्होंने कहा कि एक पिता होने के नाते उन्हें आदित्य पर गर्व है और खुशी है कि लोगों ने उसे इतना प्यार दिया।
मन की इच्छा
आदित्य को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं उद्धव
बता दें कि जब चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे ने आदित्य को चुनावी मैदान में उतारा था, तभी से ये खबरें आ रही हैं उद्धव के मन में आदित्य को मुख्यमंत्री बनते देखने की इच्छा है।
आदित्य ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं।
वह वर्ली सीट से मैदान में उतरे थे। यहां से उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार सुरेश माणे को 67427 वोटों से मात दी।
राजनीति
भाजपा की सीटें घटने से हुआ शिवसेना को फायदा
2014 विधानसभा चुनाव में 122 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा को इस बार 102 सीटें मिली हैं।
वहीं पिछले चुनाव में 63 सीटें जीतने वाली शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है।
भाजपा की सीटों की संख्या घटने से गठबंधन में शिवसेना का कद बड़ा है।
इसके अलावा चुनाव में कम सीटों पर लड़ने के लिए तैयार होने से भी आधे समय के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग पर उसका पक्ष मजबूत हुआ है।