PoK से विस्थापित होकर भारत आए परिवारों को 5.5 लाख रुपये देगी केंद्र सरकार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से विस्थापित होकर आए हर परिवार को 5.5 लाख रुपये का पुनर्वास पैकेज देने का ऐलान किया है।
ये परिवार PoK से आकर शुरूआत में जम्मू-कश्मीर से बाहर बस गए थे, लेकिन बाद में वापस राज्य में आकर रहने लगे।
इसी कारण उन्हें 2016 में जम्मू-कश्मीर में बसे PoK विस्थापितों के लिए सरकार के राहत पैकेज का लाभ नहीं मिला था।
अब सरकार ने उन्हें भी राहत पैकेज देने का ऐलान किया है।
घोषणा
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, सरकार ने ऐतिहासिक गलती को सुधारा
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को शास्त्री भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ये घोषणा की।
उन्होंने कहा, "ये फैसला लिया गया है कि PoK से विस्थापित 5,300 परिवारों, जो शुरूआत में जम्मू-कश्मीर के बाहर बस गए थे, लेकिन बाद में वापस राज्य में आ गए, को भी 5.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। ये इन विस्थापित परिवारों को न्याय देगा।"
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक "ऐतिहासिक गलती" को सुधार दिया है।
पृष्ठभूमि
बंटवारे और भारत-पाकिस्तान के समय विस्थापित हुए थे परिवार
बता दें कि 1947 में बंटवारे के समय कई परिवार PoK से विस्थापित होकर जम्मू-कश्मीर आए थे।
इसके अलावा 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भी कई परिवार PoK से भागकर जम्मू-कश्मीर आए थे।
इन विस्थापित परिवारों की संख्या 40,000 के आसपास है।
इनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर में ही बस गए थे, जबकि कुछ पहले बाहर जाकर बस गए और बाद में वापस राज्य में आकर रहने लगे।
पुनर्वास पैकेज
2016 में जम्मू-कश्मीर में रह रहे विस्थापित परिवारों को दिया गया था पैकेज
30 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लिए पुनर्निर्माण योजना का ऐलान किया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में रह रहे PoK से विस्थापित 36,384 परिवारों को 5.5 लाख रुपये का पुनर्वास पैकेज भी शामिल था।
इसके बाद शुरुआत में जम्मू-कश्मीर से बाहर रहे 5,300 विस्थापित परिवारों को भी राहत पैकेज दिए जाने की मांग हो रही थी।
अब सरकार ने इस पर विचार करने के बाद उनके लिए भी राहत पैकेज का ऐलान कर दिया।
महंगाई भत्ता
सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों को भी सरकार का दिवाली का तोहफा
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारियों का महंगाई भत्ता 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने की घोषणा की।
इसे उनके लिए सरकार की ओर से दिवाली का तोहफा माना जा रहा है।
इस फैसले के दायरे में करीब 50 लाख मौजूदा कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक आएंगे। इसका लाभ जुलाई 2019 से मिलेगा।
अपने इस फैसले के कारण सरकार को खजाने पर 16,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा।