पंजाब: मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने की सिद्धू से बात, कांग्रेस नेताओं को चर्चा के लिए कहा
पंजाब में कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद शुरू हुई सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को सिद्धू से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह सभी प्रकार के मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले के त्वरित समाधान के लिए प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं से एकसाथ बैठकर चर्चा करने के लिए कहा है।
सिद्धू ने मंगलवार को दिया इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था। सोनिया गांधी को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा, 'किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से ही होती है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।' उन्हें जुलाई में पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी।
सिद्धू के बाद कई और नेताओं ने दिया इस्तीफा
सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद रजिया सुल्ताना और परगट सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। दोनों नेताओं ने दो दिन पहले ही कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी। सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए सुल्ताना ने मुख्यमंत्री चन्नी को अपना इस्तीफा भेजा और लिखा कि वो पार्टी के लिए काम करती रहेंगी। इसके बाद पंजाब काग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल, महासचिव योगिंदर ढींगरा और महासचिव (प्रभारी प्रशिक्षण) गौतम सेठ ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस आलाकमान ने नहीं किया सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार
सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद हालातों को समझते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उसे स्वीकार नहीं किया। इसके साथी स्थानीय नेतृत्व से मामला सुलझाने को कहा है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सिद्धू के इस्तीफे को 'भावनात्मक प्रतिक्रिया' करार देते हुए कहा कि मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी इसी तरह की टिप्पणियां करते हुए कहा कि जिन मुद्दों को लेकर विवाद हैं, उन्हें आपसी बातचीत से दूर कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चन्नी ने सिद्धू को किया फोन
मुख्यमंत्री चन्नी ने बुधवार को सिद्धू से फोन पर बात की और उन्हें कहा कि अगर किसी मुद्दे पर मतभेद है तो वह आपस में बात करेंगे। उन्होंने चंडीगढ़ में कहा कि पार्टी ही सुप्रीम है और सिद्धू से बातचीत के लिए आगे आने को कहा है। इसी तरह उन्होंने मामले के समाधान के लिए प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं से एकजुट होकर बैठक करने तथा मामले पर गंभीरता से चर्चा करने को भी कहा है।
पंजाब से जुड़े मुद्दों को हाशिए पर नहीं धकेला जाएगा- चन्नी
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि अगर नियुक्तियों और तबादलों पर किसी को भी कोई आपत्ति है तो उसे बातचीत के जरिए ठीक किया जा सकता है। वह इस मुदे पर हठधर्मी नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह उनके अहंकार का मुद्दा नहीं है, लेकिन जो प्रधान होता है, वही प्रमुख है। पंजाब से जुड़े मुद्दों को किसी भी कीमत पर हाशिए पर नहीं धकेला जाएगा। वह राज्य से जुड़े मुद्दों पर दिल खोलकर चर्चा के लिए तैयार हैं।
मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा- सिद्धू
सिद्धू ने ट्विटर पर कहा, 'मैं सच्चाई के लिए लड़ता रहूंगा। मैं पंजाब से जुड़े मुद्दों के लिए लंबे समय तक लड़ता रहा, दागी नेताओं और अधिकारियों का इलाज किया। अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सकते। मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा।'
विपक्षी पार्टियों ने क्या कहा?
शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिद्धू 'दिशा भटकी हुई मिसाइल' की तरह है, जिन्हें अपने लक्ष्य का पता नहीं है। बादल ने सिद्धू को घमंडी आदमी करार दिया है। भाजपा ने कहा कि सिद्धू मुख्यमंत्री पद के भूखे हैं और उन्हें एक दलित मुख्यमंत्री बनना रास नहीं आया। वहीं आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान ने कहा कि कुर्सी की लड़ाई में कांग्रेस पंजाब के लोगों का अपमान कर रही है।