अचानक समाप्त हुआ संसद का मानसून सत्र, राहुल गांधी ने बताया 'लोकतंत्र की हत्या'
देश में 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र को बुधवार को अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पेगासस जासूसी मामला और तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया। हालांकि, सरकार के इस निर्णय को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया है।
हंगामे के बाद स्थगित की गई लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही
बुधवार सुबह विपक्ष द्वारा लगातार हंगामा करने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने निधार्रित समय यानी 13 अगस्त से दो दिन पहले ही लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। उसके बाद शाम को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई और सरकार ने हंगामे के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक को पारित किया। हालांकि, इसके बाद हंगामे को देखते हुए सभापति वेंकैया नायडू ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में जमकर हुआ घमासान
राज्यसभा में बुधवार को जमकर घमासान देखने को मिला। सरकार ने एक बीमा विधेयक से संबंधित एक संशोधन पारित करने का प्रयास किया तो कई महिला कांग्रेस सांसदों ने वेल पर पहंचकर इसका विरोध किया। उन्होंने जमकर नारे भी लगाए। इसी दौरान कुछ मार्शलों ने उन्हें अपनी सीट पर जाने के लिए खींचा तो विपक्ष ने महिला सांसदों पर हमले का आरोप लगा दिया। हालातों को बिगड़ता देखकर सभापति नायडू ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
अपेक्षा के अनुरूप नहीं हुआ कामकाज- बिरला
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सुबह कार्यवाही शुरू होने पर कहा था कि 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ। उन्होंने कहा सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। हंगामें के कारण 96 घंटे में करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका। उन्होंने कहा लोकसभा में महज 22 प्रतिशत ही कार्य हो सका है। इसी तरह राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत कार्य हुआ है।
लोकसभा में पारित हुए कुल 20 विधेयक
बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए। चार नये सदस्यों ने शपथ ली। इस दौरान 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और सदस्यों ने नियम 377 के तहत 331 मामले उठाये। उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न स्थायी समितियों ने 60 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये, 22 मंत्रियों ने वक्तव्य दिये और काफी संख्या में पत्र सभापटल पर रखे गए। कई वित्तीय एवं विधायी कार्य भी किए गए।
राज्यसभा में यह रही कामाकज की स्थिति
राज्यसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार सत्र में सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 76 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ। सत्र के दौरान 19 विधेयक पारित हुए और पांच विधेयकों को पेश किया गया।
विपक्ष ने मार्च निकालकर जताया विरोध
मानसून सत्र के समय से पहले स्थगित किए जाने का विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद के बाहर मार्च निकालकर विरोध जताया। इसमें राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, जयराम रमेश और आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, सपा नेता रामगोपाल यादव, DMK के टीआर बालू सहित कई नेता शामिल थे। विरोध के दौरान नेताओं ने 'जासूसी बंद करो', 'काले कानून वापस लो' और 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' जैसे नारे लगाकर विरोध जताया।
सरकार ने मानसून सत्र को स्थगित कर की लोकतंत्र की हत्या- गांधी
विरोध मार्च के बाद राहुल गांधी ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "आज हम आपके साथ (मीडिया) बात करने के लिए आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर बोलने का मौका नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र की 'हत्या' है।" उन्होंने कहा, "संसद सत्र खत्म हो गया है, लेकिन जहां तक देश के 60 फीसदी का सवाल है...कोई संसद सत्र नहीं हुआ है। देश के 60 प्रतिशत आवाज को कुचला गया है, अपमानित किया गया है और राज्यसभा में पीटा गया।"
विपक्ष को नहीं दिया गया अपने विचार रखने का मौका- राउत
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, "विपक्ष को संसद में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला। बुधवार को महिला सांसद के खिलाफ जो घटना हुई, वह लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसा लगा कि हम पाकिस्तान सीमा पर खड़े हैं।" NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा, "मैने अपने 55 साल के संसदीय करियर में महिला सहयोगियों पर हमला होते नहीं देखा। यह बेहद दर्दनाक है। यह लोकतंत्र के सम्मान पर बड़ा हमला है।"
विपक्षी दलों ने की बैठक
इससे पहले सभी विपक्षी दलों ने महिला सांसदों के साथ हुई घटना पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई। इसमें आरोप लगाया गया कि सरकार एक तरफ 'बेटी पढ़ाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात करती है और दूसरी तरह उनकी आवाज दबा रही है।