महाराष्ट्र: गठबंधन में गहरी हुई दरार, शिवसेना विधायक ने कही भाजपा से हाथ मिलाने की बात
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन में सरकार चला रही शिवसेना और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस द्वारा आगामी चुनावों में अकेले उतरने की घोषणा पर शिवसेना ने निशाना साधा है। हालांकि, पार्टी ने यह भरोसा भी दिया है कि वो कांग्रेस को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। दूसरी तरफ शिवसेना के एक विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भाजपा से हाथ मिलाने की मांग की है।
कांग्रेस ने कही थी अकेले चुनाव में उतरने की बात
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में कांग्रेस की आलोचना की गई है। इसमें शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि चुनावों से पहले सहयोगी दलों को अकेले मैदान में उतरने की बात नहीं कहनी चाहिए। लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी और अगर शीर्ष नेतृत्व ने चाहा तो वो राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
हमेशा के लिए नहीं है शिवसेना के साथ गठबंधन- पटोले
अकेले चुनाव में उतरने वाले बयान के बाद रविवार को पटोले ने फिर कहा कि शिवसेना के साथ उनका गठबंधन सदा के लिए नहीं है और कांग्रेस अकेले मैदान में उतरेगी। वहीं मुंबई कांग्रेस के प्रमुख भाई जगताप ने भी ऐसा बयान दिया था, जिससे लगा कि कांग्रेस गठबंधन से अलग अपना रास्ता खोज रही है। जगताप ने कहा कि बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) और आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस को जवाब माना जा रहा मुख्यमंत्री का बयान
शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बयान दिया था, जिसे कांग्रेस का जवाब माना जा रहा है। उन्होंने कहा था लोगों की परेशानियों का समाधान किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की बात करने वालों को लोग चप्पलों से मारेंगे।
सेना विधायक ने कही भाजपा के साथ जाने की बात
हाल ही में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर फिर से भाजपा के साथ हाथ मिलाने की मांग की थी। सरनाइक ने कहा कि अगर शिवसेना भाजपा के साथ जाती है तो केंद्रीय एजेंसियां उन्हें, अनिल परब और रवींद्र वायकर जैसे अन्य शिवसेना नेताओं को परेशान करना बंद कर देंगी। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरनाइक की संपत्तियों पर छापेमारी की थी।
गठबंधन को तोड़ने की कोशिश करने वाले कामयाब नहीं होंगे- राउत
दूसरी तरफ शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियां पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इनमें किसी तरह का मतभेद नहीं है। भाजपा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि कुछ लोग सत्ता गंवाने के बाद बेचैन हैं और राज्य में सरकार बनाना चाहते हैं, वो कोशिश कर सकते हैं, लेकिन कामयाब नहीं होंगे। लोग शिवसेना, कांग्रेस और NCP को तोड़ने का प्रयास करेंगे, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगेगा।
विधायक के बयान पर क्या बोले राउत?
सरनाइक के पत्र पर टिप्पणी करते हुए राउत ने कहा, "ये उनका विचार हो सकता है, लेकिन पार्टी की भूमिका उद्धव ठाकरे सभी से चर्चा करने के बाद तय करेंगे।" बता दें कि तीन दशक से अधिक समय तक सहयोगी रहने के बाद 2019 में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद शरद पवार के प्रयासों से शिवसेना, NCP और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनी थी।