आपातकाल लगाना भूल थी, उस दौरान जो भी हुआ वो गलत- राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाना एक भूल थी और उस दौरान जो भी हुआ, वो गलत था। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित एक संवाद में वरिष्ठ अर्थशास्त्री कौशिक बसु से बात करते हुए राहुल ने कहा कि 1975 से 1977 के बीच 21 महीनों के दौरान जो कुछ हुआ, वो गलत था और इंदिरा गांधी ने भी ऐसा माना था।
भारत में कब लागू हुआ था आपातकाल?
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान 25-26 जून, 1975 से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) के लिए आपातकाल घोषित कर दिया था। इससे पहले 12 जून, 1975 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी की जीत को अवैध ठहराते हुए छह साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इंदिरा गांधी का प्रधानमंत्री बना रहना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने की बजाय लोकतंत्र का गला घोंटते हुए आपातकाल लगा दिया था।
राहुल ने आपातकाल को लेकर क्या कहा?
बसु के साथ ऑनलाइन संवाद में हिस्सा लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल के दौरान संवैधानिक अधिकार और नागरिक आजादी निलंबित कर दी गई थी। प्रेस की आजादी पर अंकुश था और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था, लेकिन ये चीजें वर्तमान माहौल से अलग थी। उन्होंने आगे कहा कि आज जो कुछ हो रहा है और उस समय आपातकाल के दौरान जो हुआ, उसमें मूलभूत अंतर है।
कांग्रेस ने देश के संस्थानिक ढांचे पर कब्जा नहीं किया- राहुल
आपातकाल के बारे में बात करते हुए राहुल ने कहा, "मैं मानता हूं कि वो एक भूल थी। पूरी तरह गलत फैसला था और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था, लेकिन तब कांग्रेस ने देश के संस्थानिक ढांचे पर कब्जे का प्रयास नहीं किया था। कांग्रेस की यह क्षमता भी नहीं है। पार्टी की विचारधारा ऐसा करने की इजाजत नहीं देती।" उन्होंने आज के हालातों के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को जिम्मेदार बताया।
संस्थानों की स्वतंत्रता पर हमला कर रहा RSS- राहुल
राहुल ने कहा RSS कुछ ऐसा कर रहा है, जो अपने मौलिक रूप में अलग है। यह देश के संस्थानों की स्वतंत्रता पर हमला कर रहा है। लोकतंत्र कमजोर नहीं बल्कि नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "आज जो कुछ हो रहा है, उसमें मूलभूत अंतर है। RSS संस्थानों में अपने लोगों को भर रहा है। अगर हमने भाजपा को चुनावों में हरा भी दिया, तब भी हम संस्थानिक संस्थाओं को उनके लोगों से मुक्त नहीं करा पाएंगे।"
कमलनाथ के साथ हुए वाकये का किया जिक्र
इस बातचीत के दौरान राहुल ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हुए वाकये का भी जिक्र किया। राहुल ने कहा कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बताया था कि उनके प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी उनकी सरकार के आदेशों को नहीं मानते। इसलिए अब जो हो रहा है वह आपातकाल से अलग है। बातचीत में राहुल ने कांग्रेस में उठते विरोध के स्वरों और पार्टी में लोकतंत्र को लेकर भी सवालों के जवाब दिए।
दूसरी पार्टियों में नहीं उठती लोकतंत्र की बात- राहुल
बसु से बात कहते हुए राहुल ने कहा कि वो पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने पार्टी में लोकतांत्रिक चुनावों की बात कही थी। हैरानी की बात है कि इस तरह के सवाल भाजपा, बसपा और सपा में नहीं उठते।