
पूर्वोत्तर के सबसे बड़े उग्रवादी संगठन ने हथियार डाले, क्या मणिपुर में लौटेगी शांति?
क्या है खबर?
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच पूर्वोत्तर के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने केंद्र के साथ लंबी बातचीत के बाद शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर जानकारी साझा कर लिखा, 'एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई! पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है क्योंकि UNLF ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।'
समझौता
पिछले काफी समय से चल रही थी सरकार के साथ वार्ता
शाह ने आगे लिखा, 'मणिपुर की सबसे पुराना घाटी स्थित सशस्त्र समूह UNLF हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं। शांति समझौता 6 दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक है।'
बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी 2 दिन पहले राज्य में शांति स्थापित करने के संकेत दिए थे। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर होंगे।
घटना
UNLF के बारे में जानिए
मणिपुर में उग्रवाद 1964 में UNLF के साथ ही शुरू हुआ था। इसके कुछ वर्षों के बाद अन्य उग्रवादी संगठन भी सामने आए जो स्वतंत्र मणिपुर की वकालत करने लगे।
UNLF को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ मणिपुर के नाम से भी जानते हैं। यह समूह मणिपुर में सक्रिय है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 13 नवंबर, 2023 को मणिपुर में UNLF समेत 9 मैतेई उग्रवादी समूह और उनके सहयोगी संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया था।
ट्विटर पोस्ट
हथियार डालते UNLF के सदस्य
A historic milestone achieved!!!
— Amit Shah (@AmitShah) November 29, 2023
Modi govt’s relentless efforts to establish permanent peace in the Northeast have added a new chapter of fulfilment as the United National Liberation Front (UNLF) signed a peace agreement, today in New Delhi.
UNLF, the oldest valley-based armed… pic.twitter.com/AiAHCRIavy