
ऑनलाइन गेमिंग कानून के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर, 30 अगस्त को होगी सुनवाई
क्या है खबर?
संसद के हालिया सत्र में पारित किए गए ऑनलाइन गेमिंग विधेयक को कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दिग्गज ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 ने इस कानून के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया है। कंपनी की याचिका पर हाई कोर्ट 30 अगस्त को सुनवाई करेगा। 22 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह विधेयक अब कानून बन गया है। इसमें रियल मनी आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध का प्रावधान हैं।
याचिका
कंपनी ने याचिका में क्या-क्या कहा?
अदालती फाइलिंग में A23 ने कहा है कि यह कानून कौशल वाले ऑनलाइन गेम खेलने के वैध व्यवसाय को अपराध बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप कई गेमिंग कंपनियां रातोंरात बंद हो जाएंगी। A23 ने फाइलिंग में कहा कि नया कानून 'राज्य की पितृसत्तावाद की उपज' है। कंपनी ने कानून को रमी और पोकर जैसे कौशल वाले खेलों पर लागू होने से रोकने की मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता सी आर्यमा सुंदरम और ध्यान चिन्नप्पा ने तत्काल सुनवाई का आग्रह किया है।
कानून
कानून में क्या-क्या हैं प्रावधान?
इसके दायरे में वे सभी गेमिंग प्लेटफॉर्म हैं, जो पैसे या फीस देकर गेम खिलाते हैं और बदले में जीतने पर बढ़ी हुई राशि या किसी तरह का दूसरा वित्तीय फायदा देते हैं। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसे 3 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। कानून में ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वालों को अपराधी नहीं माना गया है। इन्हें कोई सजा नहीं होगी।