मणिपुर हिंसा: भाजपा विधायक पर हमला, गृहमंत्री ने की पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात
क्या है खबर?
मणिपुर में बुधवार को आदिवासी एकता मार्च के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में के 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है और देखते ही गोली मारने के आदेश हैं इसके बावजूद प्रदर्शनकारी हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर हमला कर दिया, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हमला
सचिवालय से लौटते वक्त वाल्टे पर हुआ हमला
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य के हालात की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इसमें शामिल होने के लिए वाल्टे भी सचिवालय पहुंचे थे।
बैठक खत्म होने के बाद घर लौटते वक्त वाल्टे और उनके ड्राइवर पर हमला हुआ और उनके निजी सचिव ने भागकर जान बचाई।
वाल्टे कुकी समुदाय से हैं। वह पिछली भाजपा सरकार में मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री थे।
अमित शाह
अमित शाह ने पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात
मणिपुर में हालात का जायजा लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के आला अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो बैठक की। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और केंद्रीय गृह सचिव मौजूद थे।
गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा से भी बात की।
तैनात
राज्य में बढ़ाई गई केंद्रीय बलों की तैनाती
राज्य में बुधवार को CRPF और BSF की 12 कंपनियों की तैनाती की गई थी। गुरुवार को 14 और कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है।
बताया जा रहा है कि आज 8 से 10 कंपनियों की तैनाती और की जा सकती है।
राज्य में पुलिस के अलावा असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती भी की गई है। RAF कंपनियों को गुरुवार को वायुसेना के विशेष विमान से राज्य में भेजा गया था।
विस्थापन
9,000 लोगों को किया गया विस्थापित
मणिपुर के हिंसा के बाद चूड़चंदपुर से करीब 5,000 लोगों को राज्य सरकार के राहत शिविरों में भेजा गया है। 2,000 लोगों को इंफाल घाटी और इतने ही लोगों को तेंगनौपाल जिले से निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है।
किसी भी प्रकार की सहायता के लिए मणिपुर और नागालैंड सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
भारतीय सेना ने भी लोगों से केवल आधिकारिक स्त्रोत से आई जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है।
वजह
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
राज्य का मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग कर रहा है, वहीं आदिवासी समुदाय इसका विरोध कर रहा है। मैतेई समुदाय ने अपनी मांग को लेकर मणिपुर हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान सरकार ने राज्य सरकार को मांग पर विचार करने को कहा है।
बुधवार को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने आदिवासी एकता मार्च निकाला था, जिसमें हिंसा भड़क उठी।