SDPO हत्या: मणिपुर सरकार की सिफारिश, कुकी उग्रवादी समूह पर लगाया जाए UAPA के तहत प्रतिबंध
मणिपुर में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद राज्य सरकार ने 'वर्ल्ड कुकी-जो इंटेलेक्चुअल काउंसिल' (WKZIC) को गैर-कानूनी संगठन घोषित करने की मांग की है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस उग्रवादी संगठन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके साथ ही राज्य में अपराधियों की धरपकड़ के लिए मोरेह और आसपास के इलाकों में अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
कैबिनेट की आपात बैठक के बाद की गई सिफारिश
मंगलवार को राज्य सरकार की कैबिनेट ने एक आपात बैठक की, जिसमें राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की गई। इसके बाद एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, "एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की हत्या के मद्देनजर मंत्रिमंडल ने WKZIC को UAPA के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित करने की सिफारिश को मंजूरी दी है।" इस सिफारिश पर अब केंद्र सरकार निर्णय लेगी क्योंकि किसी संगठन को UAPA के तहत गैरकानूनी घोषित करने की शक्ति केवल उसी के पास है।
कैबिनेट ने लिया WKZIC की प्रेस विज्ञप्ति का संज्ञान
कैबिनेट की बैठक में इस पर भी गौर किया गया है कि WKZIC ने 24 अक्टूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें कुकी समुदाय को हथियार और गोला-बारूद का पर्याप्त भंडार रखने का आह्वान किया गया था क्योंकि फसल कटाई के मौसम से पहले नवंबर में समुदाय को एक और संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में राज्य सरकार ने सुरक्षाबलों को अपराधियों को पकड़ने के अभियानों को और तेज करने के लिए कहा है।
क्या है पुलिस अधिकारी की हत्या का मामला?
मंगलवार को राज्य के तेंगनौपाल जिले के मोरेह में संदिग्ध उग्रवादियों ने गोली मारकर पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी। उपमंडल पुलिस अधिकारी (SDPO) चिंगथम आनंद कुकी समुदाय के प्रभुत्व वाले सीमावर्ती शहर में हेलीपैड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन पर गोली चलाई गई, जिससे वह घायल हो गए। उन्होंने मोरेह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दम तोड़ा। इसके बाद सुरक्षाबलों ने नाकाबंदी कर तलाशी शुरू कर दी और 44 लोगों को हिरासत में लिया।
मृत SDPO के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आज कैबिनेट की बैठक में SDPO चिंगथम के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि मंजूर की और उनके परिजनों को उचित सरकारी नौकरी प्रदान करने का भी फैसला लिया।
मणिपुर हिंसा में अब तक हो चुकी है 180 से अधिक की मौत
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। तभी से दोनों समुदायों में हिंसा जारी है। यहां बहुसंख्यक मैतेई 53 प्रतिशत हैं, जो इंफाल घाटी में रहते हैं और आदिवासी कुकी समुदाय 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मणिपुर हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों बेघर हुए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
UAPA एक बेहद कठोर कानून है, जिसका इस्तेमाल आम तौर पर आतंकी गतिविधियों के मामले में किया जाता है। इसे 1967 में लाया गया था और 2019 में इसमें संशोधन कर इसे और कठोर बना दिया गया है। इसके तहत अब सिर्फ संस्थाओं को ही नहीं, बल्कि लोगों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। खास बात यह भी है कि इसके लिए प्रतिबंधित व्यक्ति का किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं है।