मणिपुर: बिष्णुपुर में रॉकेट से हमला, कोई हताहत नहीं; अब मीडियम मशीन गन इस्तेमाल करेगी पुलिस
मणिपुर में हिंसा का दौरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले में रॉकेट से हमला किया है। इस घटना में 2 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं और अभी तक किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि चुराचांदपुर जिले के नजदीक ऊंचे पहाड़ी इलाकों से ट्रोंगलाओबी के निचले आवासीय इलाके की तरफ रॉकेट दागे गए हैं। ट्रोंगलाओबी राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर है।
घटना के बारे में पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस ने बताया कि बम धमाके की वजह से एक स्थानीय सामुदायिक हॉल और एक खाली कमरा क्षतिग्रस्त हो गया है। संदिग्ध आरोपियों ने बिष्णुपुर जिले की तरफ भी कई राउंड फायरिंग की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की है। पुलिस ने बताया कि रॉकेटों की मारक क्षमता 3 किलोमीटर से ज्यादा थी। बता दें कि चुराचांदपुर जिले में कुकी आबादी ज्यादा है, जबकि चुराचांदपुर की सीमा से सटा बिष्णुपुर मैतेई बहुल क्षेत्र है।
मणिपुर पुलिस को MMG इस्तेमाल की अनुमति मिली
मणिपुर में हालिया ड्रोन हमलों के बाद केंद्र सरकार ने एंटी ड्रोन मीडियम मशीन गन (MMG) के इस्तेमाल को मंजूदी ही है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, चूंकि पुलिस के पास इन आधुनिक हथियारों को चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है इसलिए उसने प्रशिक्षण के लिए भारतीय सेना से मदद मांगी है। इन MMG को जबलपुर स्थित आयुध निर्माण फैक्ट्री से बुलवाया गया है। फिलहाल पुलिस लाइट मशीन गन (LMG) इस्तेमाल करती है।
MMG के इस्तेमाल से कैसे बढ़ेगी पुलिस की ताकत?
रक्षा सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि MMG में 7.62 मिलीमीटर राउंड का इस्तेमाल किया जाता है। ये लंबी बैरल के साथ बाय-पॉड और ट्राइपॉड से लैस हैं और इसे वाहन पर लगाया जा सकता है, जिससे 100 से 1,200 मीटर की दूरी पर अधिक सटीक फायरिंग की जा सकती है। पुलिस ने MGG के प्रशिक्षण के लिए लीमाखोंग स्थित सेना के 57 माउंटेन डिवीजन से संपर्क किया है।
मणिपुर में ड्रोन हमले से बढ़ी चिंताएं
1 सितंबर को कोत्रुक गांव में ड्रोन हमले में 2 लोगों की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल हुए थे। मणिपुर हिंसा के दौरान ये पहला मौका था, जब उग्रवादियों ने ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इसने सुरक्षाबलों को चिंतित कर दिया है। इसके बाद 3 सितंबर को इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने फिर ड्रोन से हमला किया था, जिसमें में एक महिला समेत 3 लोग घायल हुए थे।
पिछले साल मई से जारी है हिंसा
मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, 1,100 से ज्यादा घायल हुए हैं, सैकड़ों घर और प्रार्थनास्थल जलाए जा चुके हैं और 65,000 से ज्यादा लोगों को पलायन करना पड़ा है। दरअसल, मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें जनजाति का दर्जा दिया जाए जबकि, नगा और कुकी इसका विरोध कर रहे हैं।