प्रचार करने पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ धरना देंगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ धरना देंगी। आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए उन पर 24 घंटे की रोक लगाई थी। ममता ने ट्वीट करते हुए इस फैसले को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया और कोलकाता में गांधी मूर्ति पर 12 बजे धरना देने का ऐलान किया। वह प्रतिबंध खत्म होने के बाद आज रात दो रैलियों को भी संबोधित करेंगी।
इस कारण ममता पर लगाया गया है प्रतिबंध
चुनाव आयोग ने लोगों को केंद्रीय बलों के खिलाफ बगावत के लिए उकसाने और धार्मिक आधार पर वोट मांगने के लिए ममता के प्रचार करने पर रोक लगाई है। 28 मार्च को ममता ने कहा था, "केंद्रीय पुलिस को इतनी ताकत किसने दी कि वे महिलाओं को धमका रहे हैं और उन्हें वोट नहीं डालने दे रहे? अगर हमारी किसी भी माता-बहन को वोटिंग केंद्र में घुसने नहीं दिया जाता तो आप सभी बाहर आना और बगावत कर देना।"
ममता ने मुस्लिमों से की थी वोटों का बंटवारा न करने की अपील
वहीं अपनी एक अन्य रैली में ममता बनर्जी ने मुस्लिम समुदाय से अपने अहम अल्पसंख्यक वोटों का अन्य पार्टियों में बंटवारा न करने की अपील की थी। आयोग ने इन दोनों भाषणों के लिए ममता को दो कारण बताओ नोटिस भेजे थे और अब उनके जवाब से संतुष्ट न होने के बाद उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी गई है। आयोग ने नंदीग्राम में मतदान केंद्र पर कब्जे का आरोप लगाने के लिए भी उन्हें फटकार लगाई थी।
ममता ने इन धाराओं का किया उल्लंघन
चुनाव आयोग ने सोमवार को जारी किए गए अपने आदेश में कहा, 'ममता बनर्जी, जो कि राज्य की मुख्यमंत्री भी हैं, ने चुनाव आचार संहिता के साथ-साथ जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 123 (3) और 3a और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 186, 189 और 505 का खुलेआम उल्लंघन किया है। उन्होंने चुनावी रैली में बेहद भड़काऊ बयान दिए हैं। इनसे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और चुनावी प्रक्रिया बाधित हो सकती है।'
चुनाव की शुरूआत से ही आमने-सामने हैं TMC और आयोग
बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव की शुरूआत से ही चुनाव आयोग और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) आमने-सामने हैं। ममता आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए उसे मोदी आचार संहिता (MCC) तक बुला चुकी हैं। वहीं TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ममता के प्रचार करने पर रोक लगाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए एक काला दिन बताया। उन्होंने कहा था कि आयोग का भाजपा से समझौता है।
बंगाल में हुई चार चरण की वोटिंग, चार और बाकी
294 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में चार चरण की वोटिंग हो चुकी है और चार चरण की वोटिंग बाकी रह गई है। 10 अप्रैल को राज्य की 44 सीटों पर चौथे चरण की वोटिंग हुई और इसमें शाम 5 बजे तक 76.16 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में अब 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे अन्य चार राज्यों के साथ 2 मई को आएंगे।