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अटक सकती है मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन परियोजना, उद्धव ठाकरे ने दिए समीक्षा के आदेश

अटक सकती है मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन परियोजना, उद्धव ठाकरे ने दिए समीक्षा के आदेश

Dec 02, 2019
11:52 am

क्या है खबर?

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर ब्रेक लग सकते हैं। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के आदेश दिए हैं। ठाकरे की ये घोषणा केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव का विषय बन सकती है। इससे पहले वो आरे में मुंबई मेट्रो के कार शेड के निर्माण की केंद्र सरकार की एक और महत्वपूर्ण योजना पर रोक का आदेश भी दे चुके हैं।

बयान

सभी विकास कार्यों की समीक्षा करेगी उद्धव सरकार

रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिन के विशेष सत्र की समाप्ति पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हमने अभी चल रहे सभी विकास कार्यों, उनकी लागत, बाधाओं और समयसीमा के बारे में जानकारी मांगी है। इसके बाद हम फैसला लेंगे कि किस कार्य को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है और अभी जिन्हें प्राथमिकता दी जा रही है, वो जरूरी है या नहीं।"

बयान

उद्धव बोले, बदले की भावना से काम नहीं करेगी सरकार

बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा पर ठाकरे ने कहा, "हमारी सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी। ये आम आदमी की सरकार है। हम बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करेंगे, लेकिन आरे कार शेड योजना की तरह हमने इस पर रोक नहीं लगाई है।"

बुलेट ट्रेन

क्या है बुलेट ट्रेन परियोजना?

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना में मुंबई से अहमदाबाद के 508 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। पूरी परियोजना पर कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसका 81 प्रतिशत जापान इंटरनेशनल कॉ-ऑपरेशन एजेंसी से 50 साल के लिए 0.1 प्रतिशत ब्याज दर पर आएगा। इसके लिए राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम बनाया गया है जिसमें गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें 5,000-5,000 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार 10,000 करोड़ रुपये का योगदान देंगी।

विरोध

परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसान और आदिवासी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सितंबर 2017 में अहमदाबाद में इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके 2023 तक पूरे होने की संभावना है, लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण इसे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान और आदिवासी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कड़ा विरोध कर रहे हैं और अभी तक आवश्यक 1,380 हेक्टेयर में से 548 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा सकी है।

बयान

ठाकरे ने दिया पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विकास पर जोर

इस बीच ठाकरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विकास करने के महत्व पर जोर दिया। आरे कार शेड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हम लोगों को जल्दी अस्पताल पहुंचाने के लिए मेट्रो नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि लोग स्वस्थ और खुश हों। आरे केवल पेड़ों के बारे में नहीं है, ये पर्यावरण के बारे में हैं।" बता दें कि आरे में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए पेड़ों को काटा गया था।

बयान

"किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध"

महाराष्ट्र में कृषि संकट पर बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि बेमौसम बरसात से किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपने वादे के अनुसार किसानों का कर्ज बिना शर्त माफ करने के लिए प्रतिबद्ध है।