बदलापुर मामला: आरोपी की मौत पर शुरू हुई राजनीति, जानिए क्या लगे आरोप-प्रत्यारोप
महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में 2 नाबालिगों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार रात को पुलिस की जवाबी गोलीबारी में हुई मौत पर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष ने जहां इसे मामले के सबूत नष्ट करने की कोशिश की साजिश करार दिया है, वहीं राज्य की महायुति सरकार ने विपक्ष को आरोपी का पक्षधर बताया है। इसी तरह आरोपी के माता-पिता ने पुलिस कार्रवाई की गहन जांच की मांग की है।
कैसे हुई आरोपी अक्षय की मौत?
ठाणे अपराध शाखा की टीम सोमवार शाम साढ़े 5 बजे आरोपी को पूछताछ के लिए तलोजा जेल से बदलापुर जा रही थी। मुंब्रा बाईपास के पास आरोपी ने एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर गोलीबारी कर दी। इसमें सहायक पुलिस निरीक्षक (ASI) नीलेश मोरे और पुलिस निरीक्षक (CI) संजय शिंदे घायल हो गए। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में आरोपी अक्षय को गोली लग गई। उसने रात को कलवा अस्पताल में दम तोड़ दिया।
कौन है निरीक्षक संजय शिंदे?
आरोपी को गोली मारने वाले CI संजय शिंदे दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी में शामिल थे, जब वे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के अधीन ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल से जुड़े थे। वह बदलापुर मामले की SIT के सदस्य हैं।
विपक्ष ने पूछा- हथकड़ी लगा आरोपी कैसे चला सकता है गोली?
इस घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, "जब अक्षय शिंदे के दोनों हाथ बंधे हुए थे, तो वह गोली कैसे चला सकता था? जिस स्कूल की बात हो रही है, वह भाजपा नेता का है। इस घटना को दबाने की शुरू से कोशिश की जा रही है और मुठभेड़ करके मामले को खत्म कर दिया गया है। इस पूरी घटना की जांच बॉम्बे हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।"
घटना महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था के विफल होने का परिणाम
शरद पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूर्ण रूप से विफल होने का परिणाम है। इस पूरी घटना की विशेष जांच टीम के द्वारा जांच कराई जानी चाहिए।"
कांग्रेस ने घटना को महाराष्ट्र पुलिस के लिए 'काला दिन' बताया
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इस घटना को महाराष्ट्र पुलिस के लिए 'काला दिन' बताया है। उन्होंने कहा, "अक्षय शिंदे की निर्मम हत्या की गई है। कोई भी यह विश्वास नहीं करेगा कि यह मुठभेड़ थी। मैंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से जांच की मांग की है, जो उसी समय मुंबई में थे। मुझे विश्वास नहीं है कि मौजूदा सरकार के तहत महाराष्ट्र पुलिस न्याय कर पाएगी। इस अपराध के असली अपराधियों का कभी पता नहीं चल पाएगा।"
पुलिस ने किया सबूत नष्ट करने का प्रयास- वडेट्टीवार
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पूछा कि क्या यह सबूत नष्ट करने की कोशिश है, क्या पुलिस ने आरोपी को ले जाते समय उसके हाथ नहीं बांधे थे? उसने बंदूक कैसे ले ली? पुलिस इतनी लापरवाह कैसे थी? उन्होंने कहा, "पुलिस ने भाजपा से जुड़े स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन गिरफ्तार आरोपी को संदिग्ध परिस्थितियों में मार गिराया जाता है। इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
कमजोर हो गई सरकार- पवार
NCP प्रमुख शरद पवार ने गृह मंत्रालय पर निशाना साधते हुए कहा कि इस घटना में मुख्य आरोपी को स्थानांतरित करने में गृह विभाग द्वारा दिखाई गई लापरवाही पूरी तरह से संदिग्ध नजर आ रही है। ऐसा लगता है कि सरकार कमजोर हो गई है।
सरकार ने किया आरोपों का बचाव
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष के आरोपों पर आश्चर्य जताए हुए कहा, "आरोपी ने पूछताछ के लिए ले जाते समय पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर गोली चलाई थी। उसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में आरोपी को गोली मारी।" उन्होंने कहा, "इससे पहले विपक्षी दल आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहे थे। अब ये लोग आरोपी का पक्ष ले रहे हैं और महाराष्ट्र पुलिस की निष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं। विपक्षी नेताओं का ऐसा कृत्य निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।"
उपमुख्यमंत्री ने भी किया पलटवार
राज्य का गृह विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष हर मुद्दे पर सवाल उठाता है। वह चाहता था कि उसे फांसी दी जाए। अब जब पुलिस ने अपनी जान बचाने की कोशिश की तो ऐसे आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।
आरोपी की मांग ने भी पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
मामले में आरोपी की मां और चाचा ने कहा, "हमारा बेटा पटाखे फोड़ने और सड़क पार करने से डरता था। वह पुलिसकर्मियों पर गोली कैसे चला सकता है? पुलिस ने दबाव में उससे इकबालिया बयान भी लिखवाया था। उससे क्या लिखवाया गया, यह केवल वही जानता है।" अक्षय के पिता अन्ना शिंदे ने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा, "घटना के बाद पुलिस ने उनके बेटे का चेहरा तक दिखाने से इनकार कर दिया। यह साजिश है।"
क्या है नाबालिगों से यौन उत्पीड़न का मामला?
बदलापुर के आदर्श स्कूल में 12 और 13 अगस्त को 23 साल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने 3 और 4 साल की 2 बच्चियों का यौन शोषण किया था। जब दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डरने लगीं तो माता-पिता ने उनसे बात की, जिसमें सच्चाई सामने आई। इसके बाद बच्चियों की जांच करवाई गई, जिसमें यौन शोषण की पुष्टि हुई। भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 16 अगस्त को मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था।