महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बहस के बाद कैबिनेट बैठक छोड़कर निकले अजित पवार- रिपोर्ट
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में दरार की खबरें हैं। आज (11 अक्टूबर) को महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक के दौरान कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार नाराज हो गए। बताया जा रहा है कि बैठक शुरू होने के 10 मिनट बाद ही अजित उठकर चले गए। खबरों के मुताबिक, अजित के जाने के बाद भी बैठक करीब ढाई घंटे तक चलती रही, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
अजित और एकनाथ शिंदे के बीच हुई बहस- रिपोर्ट
न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित के बीच तीखी बहस हुई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में शिंदे ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई बड़ी घोषणाएं प्रस्तावित कीं। अजित ने इन प्रस्तावों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया और कुछ पर कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई।
बैठक से क्यों चले गए अजित?
न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से कहा कि बारामती से कुछ प्रस्तावों को शिंदे ने आगे बढ़ाया था। अजित को मानना था कि इन प्रस्तावों को शरद पवार के कार्यालय से मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था और इससे वे कथित तौर पर नाराज हो गए और मंजूरी देने से इनकार कर दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अजित इस बात से नाराज थे कि अंतिम समय में बैठक में कई प्रस्तावों को पेश किया गया।
अजित ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस
अजित ने आज शाम 6:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। बैठक वाली घटना के बाद अचानक से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कई कयास लगाए जाने लगे हैं। वहीं, अजित ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा, "मैंने बैठक शुरू होने के 10 मिनट के भीतर नहीं छोड़ी। मैं शिंदे और देवेंद्र फडणवीस से अनुमति लेकर गया था, क्योंकि मेरी लातूर में बैठक तय थी। मुझे दोपहर 1 बजे की फ्लाइट पकड़नी थी, इसलिए मैं बैठक छोड़कर चला गया।"
अजित की गैरमौजूदगी में 38 प्रस्तावों को मंजूरी
बैठक शुरू होते ही सबसे पहले रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद 38 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें से कई वित्त विभाग से जुड़े हुए थे। अजित वित्त मंत्री है, ऐसे में उनका बैठक में न होना और वित्त विभाग से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिलना मतभेद की ओर इशारा कर रहा है। बताया जा रहा कि पूरी बैठक के दौरान अजित की कुर्सी खाली रही। हालांकि, उनकी पार्टी के दूसरे नेता बैठक में मौजूद रहे।