महाराष्ट्र: सरकार गठन पर सोनिया गांधी तैयार, लेकिन इंतजार के मूड में हैं शरद पवार
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को सरकार बनाने का न्योता मिला है। उसे रात 08:30 बजे तक का समय दिया गया है।
खबरों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आगे बढ़ने को तैयार हैं, लेकिन NCP प्रमुख शरद पवार सरकार बनाने का दावा करने से पहले थोड़ा इंतजार करना चाहते हैं।
NCP, काग्रेस और शिवसेना में सरकार के गठन को स्पष्टता नहीं होने के कारण भी इसमें देरी हो रही है।
समर्थन पत्र
कांग्रेस-NCP से समर्थन पत्र नहीं मिलने के कारण दावा नहीं कर पाई शिवसेना
बता दें कि कांग्रेस-NCP से समर्थन पत्र नहीं मिलने के कारण कल शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाई थी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर शिवसेना के दल ने सरकार बनाने की इच्छा तो जताई थी, लेकिन इसके लिए 48 घंटे का अतिरिक्त समय मांगा था, जिससे राज्यपाल ने इनकार कर दिया।
इसके बाद राज्यपाल ने NCP को सरकार बनाने का न्योता दिया, जिसे लेकर आज हलचल तेज है।
राजनीतिक गतिविधियां
दिनभर चलेगा बैठकों का दौर
राज्यपाल के इस न्योते से NCP को शिवसेना के साथ सरकार बनाने और कांग्रेस के इस सरकार को समर्थन देने का एक और मौका मिल गया है।
लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और आज दिन भर इसे लेकर बैठकों का दौर चलने की संभावना है।
कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल इस सिलिसिले में आज मुंबई में होंगे और अपने नेताओं और शरद पवार से मुलाकात करेंगे।
मुलाकात
संजय राउत से मिले शरद पवार
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कि सोमवार रात में समर्थन को लेकर फैसला हो चुका है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के नेता NCP को समर्थन देने के लिए मुंबई आ रहे हैं और हम सरकार बनाएंगे। अगर इसके बाद चीजें बदल गई हैं तो मुझे इसके बारे में नहीं पता।"
इस बीच शरद पवार ने लीलावती अस्पताल जाकर शिवसेना नेता संजय राउत से मुलाकात की जो इस पूरे गतिरोध में अग्रिम मोर्चे पर रहे हैं।
आगे क्या?
NCP भी नहीं बना पाई सरकार तो आगे क्या?
अगर NCP भी सरकार बनाने का दावा पेश करने में नाकामयाब रहती है तो राज्यपाल कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। हालांकि, इसकी संभावना न के बराबर हैं।
इसके अलावा राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश भी कर सकते हैं और मौजूदा परिस्थितियों को लेकर इसके संभावना सबसे ज्यादा नजर आ रही है।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी कोई भी पार्टी 145 से अधिक विधायकों का समर्थन दिखाकर सरकार बना सकती है।
पृष्ठभूमि
क्यों पैदा हुआ है महाराष्ट्र में ये संकट?
महाराष्ट्र में ये संकट इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि विधानसभा चुनाव में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और जिस भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला उसमें सत्ता के बंटवारे को लेकर समझौता नहीं हुआ।
शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले के तहत सत्ता में बराबर हिस्सेदारी और ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद मांगा, जिसके लिए भाजपा तैयार नहीं हुई।
विधानसभा में भाजपा के 105, शिवसेना के 56, NCP के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं।