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कितने सही रहे हैं एग्जिट पोल के अनुमान? 1998-2014 तक के आंकड़ों पर एक नजर

कितने सही रहे हैं एग्जिट पोल के अनुमान? 1998-2014 तक के आंकड़ों पर एक नजर

May 20, 2019
12:55 pm

क्या है खबर?

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ गए हैं। अधिकतर एग्जिट पोल भाजपा के नेतृत्व वाले NDA की सरकार आने का अनुमान लगा रहे हैं। एग्जिट पोल करने वाली अधिकतर एजेंसियां अपने पोल को सबसे अधिक विश्वसनीय बता रही हैं, लेकिन इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि अधिकतर पोल के नतीजे गलत रहे हैं। आइये, एक नजर डालते हैं 1998 से 2014 तक के चुनावों के एग्जिट पोल और उनके अनुमानों पर।

एग्जिट पोल

सबसे पहले जानिये क्या होता है एग्जिट पोल

सर्वे करने वाली एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल तब किया जाता है जब वोटर वोट डालकर बूथ से बाहर निकल रहे होते हैं। माना जाता है कि वोटर अपनी असली पसंद सर्वे करने वाले को बताएंगे। एजेंसियों के लिए सर्वे करने का काम काफी मुश्किल हो जाता है। सैंपल साइज, शहर और गांव, मतदाताओं की उम्र और शिक्षा आदि कई पहलू एग्जिट पोल में मायने रखते हैं। कई पोल में पूरे देश से मतदाताओं की राय ली जाती है।

1998 लोकसभा चुनाव

1998 में भाजपा के असर को नहीं पहचान पाए एग्जिट पोल

1998 के चुनावों के अधिकतर एग्जिट पोल भारतीय जनता पार्टी को 214-238 सीटें दे रहे थे। केवल DRS ने भाजपा को 249 मिलने का अनुमान लगाया था। यह अनुमान भाजपा को इन चुनावों में मिली 252 सीटों के सबसे करीब था। कांग्रेस को 166 सीटें मिली थी। एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक, कांग्रेस को 155 सीटें मिल रही थी। इस दौरान इंडिया टूडे का पोल सबसे सटीक रहा था। उसमें कांग्रेस को 164 सीटें मिलने का अनुमान था।

1999 लोकसभा चुनाव

1999 में फिर गलत साबित हुए एग्जिट पोल

1998 में चुनावों के बाद NDA की सरकार बनी, लेकिन AIADMK के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार गिर गई। इसके बाद 1999 में फिर से चुनाव हुए। इन चुनावों में NDA के लिए 300 से अधिक सीटों का अनुमान था। इंडिया टूडे ने अपने एग्जिट पोल में 336 सीटों का अनुमान लगाया था। जब नतीजे घोषित हुए तो NDA को 296 सीटें मिलीं। कांग्रेस को 140 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान था, लेकिन उसे 134 सीटें मिली।

2004 लोकसभा चुनाव

वाजपेयी को दोबारा प्रधानमंत्री बना रहे थे एग्जिट पोल

2004 के चुनावों ने सारे जानकारों को गलत साबित कर दिया था। चुनावी नतीजों के अनुमान लगाने वाले विशेषज्ञों के सारे कयास गलत हुए। अधिकतर राजनीतिक पंडितों ने 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 250 से ज्यादा सीटें मिलने के अनुमान लगाया और वाजपेयी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने की उम्मीद जताई। जब नतीजे आए तो भाजपा को केवल 189 सीटें मिलीं और कांग्रेस ने 222 सीटें जीतकर सहयोगियों की मदद से गठबंधन सरकार बना ली।

2009 लोकसभा चुनाव

2009 में था कांग्रेस की हार का अनुमान

2009 के चुनावों में भी राजनीतिक पंडितों का 2004 जैसा हाल हुआ। अधिकतर एजेंसियों ने कहा कि कांग्रेस 200 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएंगी। केवल NDTV ऐसा चैनल था, जिसने कांग्रेस के लिए 216 सीटों का अनुमान लगाया था। कांग्रेस को इन चुनावों में 262 सीटें मिली और मनमोहन सिंह लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। भाजपा के लिए एग्जिट पोल में 177-197 सीटों का अनुमान था, लेकिन पार्टी को असल में 159 सीटें मिलीं।

2014 लोकसभा चुनाव

मोदी लहर मेें लगभग सही साबित हुए एग्जिट पोल

पिछले लोकसभा चुनावों में मोदी लहर को देखकर अधिकतर लोग भाजपा की सरकार आने की संभावना जता रहे थे। चाणक्य ने इन चुनावों में भाजपा को 340 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। अधिकतर एजेंसियों ने भाजपा के लिए 272-290 सीटों का अनुमान लगाया था। ये अनुमान सही साबित हुए और भाजपा ने 282 सीटें जीतीं। कांग्रेस के लिए 100 से ज्यादा सीटें को अनुमान था, लेकिन कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।

2019 लोकसभा चुनाव

इस बार के ये हैं अनुमान

इस बार के एग्जिट पोल भी NDA को सत्ता में लौटते हुए दिखा रहे हैं। आजतक-एक्सिस माई पोल के मुताबिक, NDA को 339-365 सीटें और UPA को 77-108 सीटें मिल सकती हैं। टाइम्स नाऊ-वीएमआर के एग्जिट पोल के अनुसार, NDA को 306 और UPA को 132 सीटें मिलने का अनुमान है। सीवोटर का अनुमान है कि NDA को 287 और UPA को 128 सीटें मिलेंगी। वहीं एबीपी-नीलसन के मुताबिक, NDA को 277 और UPA को 130 सीटें मिलेंगी।