6 मई से पहले मोदी-शाह के खिलाफ शिकायतों पर फैसला ले चुनाव आयोग- सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग को आदेश जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर 6 मई से पहले फैसला लेने को कहा है।
इस बीच चुनाव आयोग ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि वह कांग्रेस की 11 में से 2 शिकायतों पर पहले ही फैसला ले चुकी है।
बता दें कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम सुनवाई
6 मई को है अगली सुनवाई
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को मोदी और शाह के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी करने को कहा था।
उनकी ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने मोदी-शाह की जोड़ी के खिलाफ 11 शिकायतें की हैं, लेकिन उसने अभी तक 2 पर अपना फैसला सुनाया है।
मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी।
शिकायत
मोदी ने मांगे थे बालाकोट एयर स्ट्राइक पर वोट
जिन 2 शिकायतों पर फैसला सुनाया जा चुका है, उनमें बालाकोर्ट एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट मांगने के खिलाफ दर्ज शिकायत भी शामिल है।
9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं से पुलवामा शहीदों और बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट डालने की अपील की थी।
उनकी अपील सेना का राजनीतिक इस्तेमाल न करने के आयोग के आदेश के खिलाफ थी।
क्लीन चिट
अपने अधिकारियों का फैसला पलट चुनाव आयोग की क्लीन चिट
मोदी ने कहा था, "क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है? क्या पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए, उन वीर शहीदों के नाम आपको वोट समर्पित हो सकता है?"
बुधवार को आयोग ने महाराष्ट्र के अपने चुनाव अधिकारियों के फैसले को पलटते हुए मोदी को क्लीन चिट दी थी।
महाराष्ट्र के निर्वाचन अधिकारी ने इसे चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन माना था।
दूसरा मामला
वर्धा वाले बयान पर भी मिली क्लीन चिट
1 अप्रैल को वर्धा की रैली में मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था, "अब कांग्रेस भी समझ रही है कि देश ने उसे सज़ा देने का मन बना लिया है। उनके नेता अब मैदान छोड़ कर भागने लगे हैं। 'आतंकवादी हिंदू' की सजा उनको मिल चुकी है। इसलिए भाग कर जहां देश का बहुसंख्यक अल्पसंख्यक में है, वहां शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।"