प्रियंका गांंधी का बयान, भाजपा की मदद करने की बजाय मरना पसंद करूंगी
गठबंधन और कांग्रेस के बीच भारतीय जनता पार्टी को मदद पहुंचाने के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह भाजपा की मदद करने की बजाय मरना पसंद करेंगी। इस बीच उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की विचारधारा बिल्कुल विपरीत है। इससे पहले राहुल गांधी ने गठबंधन पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद अखिलेश यादव और मायावती ने कांग्रेस पर करारा हमला किया था।
इन बयानों से शुरु हुआ टकराव
राहुल गांधी ने बाराबंकी में कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास मायावती और अखिलेश यादव का रिमोट कंट्रोल हैं।" वहीं, बुधवार को प्रियंका ने गठबंधन की मदद करने के लिए कमजोर प्रत्याशी खड़े करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत है और हमारे प्रत्याशी कड़ी टक्कर दे रहे हैं, वहां कांग्रेस जीतेगी। जहां हमारे उम्मीदवार थोड़े हल्के हैं, वहां हमने ऐसे उम्मीदवार खड़े किए हैं जो भाजपा के वोट काट सकें।'
अखिलेश और मायावती का जवाब
जवाब में अखिलेश ने कहा था, "मुझे नहीं लगता कांग्रेस ने कहीं भी कमजोर प्रत्याशी खड़ा किया है। कोई भी पार्टी ऐसा नहीं करती है। लोग उनके साथ नहीं हैं इसलिए वो बहाने बना रहे हैं।" मायावती ने भी कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा, "भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी सपा-बसपा गठबंधन के बारे में बेतुकी बात कहना शुरु कर दिया है। दोनों के बीच मौन समझौता है और हमारे गठबंधन के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।"
बयान से पलटती नजर आईं प्रियंका
अब रायबरेली में अपनी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए प्रचार कर रहीं प्रियंका अपने बयान से पलटती हुई नजर आ रही हैं। अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं कह नहीं सकती कि हम यूपी में कैसा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन हम कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हमने भाजपा के खिलाफ हर जगह मजबूत प्रत्याशी खड़े किए हैं।" इस बीच उन्होंने कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ने की उम्मीद जताई।
सपा कार्यकर्ताओं को किया संबोधित
इससे पहले जगतपुर में प्रियंका ने सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "आप किसी भी पार्टी से आते हों, आप इससे इनकार नहीं कर सकते कि सोनिया गांधी ने रायबरेली के विकास के लिए काम किया है। उन्होंने रोड और अस्पताल बनवाए हैं। लेकिन अभी और काम की जरूरत है, इसलिए बड़े अंतर से सोनिया की जीत सुनिश्चित करें।" इस दौरान वहां सपा की लाल टोपी पहने लगभग 500 सपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
रायबरेली और अमेठी से गठबंधन ने नहीं उतारे उम्मीदवार
बता दें कि गठबंधन ने गांधी परिवार के सदस्यों के उम्मीदवार होने के कारण अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने यादव परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।