कर्नाटक: कांग्रेस-JDS गठबंधन सरकार गिरी, बहुमत साबित करने में नाकाम रहे कुमारस्वामी
रोज लंबे होते इंतजार के बीच आज आखिरकार कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग हो गई, जिसमें एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के गठबंधन को कुल 99 वोट मिले, जबकि उसके विरोध में 105 वोट पड़े। मतदान के दौरान गठबंधन के 20 विधायक विधानसभा से अनुपस्थित रहे। सरकार गिरते ही भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने अपने नेता बीएस येदियुरप्पा को बधाई दीं, जो सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं।
बेंगलुरु में लगी धारा 144
इस बीच शाम 6 बजे से बेंगलुरु में सभी शराब की दुकानें और बार को अगले 48 घंटों के लिए बंद कर धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस कमिश्नर आलोक ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्यपाल को इस्तीफा सौपेंगे कुमारस्वामी
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अब राज्यपाल वजुभाई वाला को अपना इस्तीफा सौपेंगे। कांग्रेस विधायक एचके पाटिल ने कहा कि ये हार पार्टी विधायकों के धोखे की वजह से मिली है और कर्नाटक के लोग पार्टी के साथ इस धोखे को सहन नहीं करेंगे।
येदियुरप्पा ने बताया लोकतंत्र की जीत
वहीं, सरकार गिरने के बाद येदियुरप्पा और अन्य भाजपा विधायकों ने विधानसभा में विक्ट्री साइन दिखाया और कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरू में पार्टी कार्यालय पर जमकर जश्न मनाया। विधानसभा के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, "ये लोकतंत्र की जीत है। लोग कुमारस्वामी सरकार से परेशान थे। मैं कर्नाटक के लोगों को भरोसा देना चाहता हूं कि अब विकास का एक नया दौर शुरू होगा।" उन्होने किसानों से उनको ज्यादा महत्व देने का वादा किया।
भाजपा में जश्न का माहौल
बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हुआ तो सरकार बना लेगी भाजपा
कांग्रेस-JD(S) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार अल्पमत में चली गई थी। हालांकि अभी भी स्पीकर केआर रमेश कुमार ने विधायकों के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं लिया है। अगर वो इन विधायकों को इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं, जिसकी पूरी संभावना है, तो 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का संख्याबल घटकर 208 रह जाएगा। तब बहुमत के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी और 105 सदस्यों वाली भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रहेगी।
पिछले गुरुवार से टलता आ रहा है विश्वास मत पर मतदान
बता दें कि विश्वास मत पर पिछले गुरुवार को मतदान होना था, लेकिन गठबंधन और कुमारस्वामी लगातार पहले इस पर बहस की मांग करते रहे। इस बीच शुक्रवार को राज्यपाल ने भी कुमारस्वामी को दो बार बहुमत साबित करने की डेडलाइन दी, लेकिन फिर भी बहुमत परीक्षण नहीं हो सका। कल सोमवार को विधानसभा में आते ही स्पीकर ने कहा था कि वह आज ही बहुमत परीक्षण चाहते हैं, लेकिन कल भी ऐसा नहीं हो सका।
जेब में इस्तीफा रखकर लाए थे स्पीकर
इसके बाद आज स्पीकर रमेश कुमार आज अपना इस्तीफा अपनी जेब में रखकर लाए थे और आज बहुमत परीक्षण न होने पर वह अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार थे। वहीं बहस के बीच कुमारस्वामी ने कहा था कि वह खुशी से अपने पद का त्याग करने को तैयार हैं। विधानसभा स्पीकर और कर्नाटक के लोगों से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा था कि उनका विश्वास मत को खींचने का कोई मकसद नहीं है।