NIA को सौंपी गई केरल में 30 किलो सोने की तस्करी के मामले की जांच
गृह मंत्रालय ने गुरूवार को केरल में 30 किलोग्राम सोने की तस्करी से जुड़े मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को दे दी। मंत्रालय ने कहा कि संगठित सोने की तस्करी के राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। ये आदेश ऐसे समय पर दिया गया है जब कांग्रेस और भाजपा मामले में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की लिप्तता का आरोप लगा रहे हैं। विजयन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी।
क्या है पूरा मामला?
पिछले हफ्ते केरल के त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने 13 करोड़ रुपये की कीमत का लगभग 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था। ये सोना संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दूतावास के एक राजनयिक सामान में छिपाकर लाया गया था। राजनयिक सामान की जांच से पहले उच्च-स्तर से मंजूरी लेनी होती है, इसलिए तस्कर इनमें सोना छिपाकर लाने लगे हैं। इस रैकेट की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को बताया जा रहा है, जिसके तार शीर्ष अधिकारियों से जुड़ते हैं।
ऐसे मुख्यमंत्री विजयन तक पहुंचते हैं स्वप्ना के तार
मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश का मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के मुख्य निजी सचिव एम शिवशंकर के साथ करीबी रिश्ता बताया जा रहा है और उनका स्वप्ना के घर आना-जाना था। स्वप्ना केरल के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) विभाग में नौकरी करती थी और आरोप है कि उसे ये नौकरी शिवशंकर ने ही दिलाई, जो IT विभाग के सचिव भी थे। मुख्यमंत्री विजयन के साथ भी स्वप्ना की तस्वीरें हैं और विपक्ष उन पर भी आरोप लगा रहा है।
विपक्ष की जांच की मांग, मुख्यमंत्री बोले- जांच के लिए तैयार
विपक्षी पार्टियां, कांग्रेस और भाजपा, लगातार केरल सरकार और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर निशाना साध रहे हैं और मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने विजयन का स्वप्ना से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। विजयन ने बुधवार को खुद प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा और एक विस्तृत जांच की मांग की। उन्होंने जांच में पूरे सहयोग का भरोसा दिया है।
अपनी सफाई में क्या बोले विजयन?
मामले पर सफाई देते हुए विजयन ने कहा है, "सोने की तस्करी के मामले में इस विवादित महिला (स्वप्ना सुरेश) का मुख्यमंत्री आवास और IT विभाग का कोई संबंध नहीं है। ये मामला राज्य सरकार से कैसे जुड़ा हो सकता है? पार्सल राज्य सरकार की किसी एजेंसी के पास नहीं आया। पार्सल UAE दूतावास के लिए आया था। अगर कोई विफलता हुआ है तो राज्य सरकार कैसे जिम्मेदार है? राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है।"
UAE ने कहा- छवि धूमिल करने वालों को बख्शेंगे नहीं
इस बीच UAE ने कहा है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और भारत में UAE दूतावास की छवि को धूमिल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इधर स्वप्ना सुरेश ने मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की है।