'हिंदू लड़की' वाले बयान के बाद अनंत हेगड़े का कांग्रेस नेता की पत्नी पर विवादित बयान
अपने विवादित बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार भी चर्चा की वजह उनके विवादित बयान हैं। रविवार को उन्होंने कहा था कि जो हिंदू लड़कियों को छुए, उसके हाथ नहीं बचने चाहिए। इस बयान पर विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि सोमवार को भी उन्होंने ऐसा ही एक और बयान दे दिया। उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस नेता पर उनकी पत्नी को लेकर विवादित बयान दिया।
ट्विटर पर हुई बहस
हेगड़े के हिंदू लड़कियों वाले बयान को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता दिनेश गुंडु राव ने हेगड़े से कुछ सवाल पूछे थे। राव ने ट्विटर पर लिखा था, 'केंद्रीय मंत्री या सांसद बनने के बाद आपकी उपलब्धियां क्या रही हैं? कर्नाटक के विकास में आपका क्या योगदान है? मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं कि यह अफसोस की बात है कि ऐसे लोग मंत्री बन गए हैं और सांसद के रूप में चुने जाने में कामयाब रहे हैं।'
हेगड़े का विवादित पलटवार
राव के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए हेगड़े ने विवादित बयान दिया। हेगड़े ने लिखा, 'मैं इस व्यक्ति के सवाल का जवाब जरूर दूंगा, लेकिन उससे पहले वह कृपया अपनी उपलब्धियों का खुलासा करें? मैं इस व्यक्ति को इस तरह जानता हूं जो एक मुस्लिम महिला के पीछे भागा था।' राव ने हेगड़े के इस जवाब पर कहा कि वे हमेशा भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हैं। शायद उनकी पार्टी के लोग उन्हें ऐसा करने के लिए कहते हैं।
ट्विटर पर सवाल-जवाब
'हिंदू लड़की पर उठने वाले हाथ बचने नहीं चाहिए'
इससे पहले रविवार को हेगड़े ने कर्नाटक के कोडागु जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "हमें हमारे समाज की प्राथमिकता के बारे में सोचना चाहिए। हमें जाति के बारे में नहीं सोचना चाहिए। अगर कोई एक हाथ हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ नहीं बचना चाहिए।" इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ताजमहल मुसलमानों ने नहीं बनाया था। ताजमहल एक शिव मंदिर था, जिसे राजा परमतीर्थ ने बनाया था।
पहले भी हेगड़े देते रहे हैं विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब हेगड़े ऐसे बयान देकर विवादों में फंसे हैं। इससे पहले टीपू जयंती पर उन्होंने ब्रिटिश शासकों से चार युद्ध लड़ने वाले टीपू सुल्तान को बलात्कारी और बर्बर हत्यारा बताया था। तब उन्होंने टीपू जयंती के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का ऐलान किया था। वहीं धर्मनिरपेक्ष और बुद्धिजीवी लोगों के लिए उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों की खुद की कोई पहचान नहीं होती और वे अपनी जड़ों से अनजान होते हैं।
इस खबर को शेयर करें