Page Loader
विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत, भाजपा के प्रयासों को लेकर हुई थी सिंधिया से बात- कमलनाथ

विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत, भाजपा के प्रयासों को लेकर हुई थी सिंधिया से बात- कमलनाथ

Mar 12, 2020
11:15 am

क्या है खबर?

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने में और कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी सरकार को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं और उन्होंने विधानसभा में बहुमत साबित करने की बात कही है। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने सिंधिया के साथ मिलकर भाजपा द्वारा सरकार गिराने के प्रयासों के बारे में भी चर्चा की थी।

बयान

15 मार्च को बहुमत साबित करेगी कांग्रेस- कमलनाथ

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस 15 मार्च को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। आप देखेंगे कि हम बहुमत साबित करने में कामयाब होंगे।" उन्होंने कहा वो होली के दिन इस्तीफा देने वाले 22 कांग्रेस विधायकों के संपर्क में हैं। अगर इन विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया होता तो वो भोपाल में क्यों नहीं है? अगर उनको बंधक नहीं बनाया गया होता तो उन्हें यहां होना चाहिए था।

बयान

लगातार सिंधिया के संपर्क में था- कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा कि वो कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के लगातार संपर्क में थे। उन दोनों के बीच यह भी बात हुई थी कि भाजपा कांग्रेस सरकार गिराने के प्रयास कर रही है।

बयान

भाजपा द्वारा सरकार गिराने की कोशिशों पर की थी बात- कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा, "मैं 10 दिन पहले ज्योतिरादित्य से दिल्ली में मिला था और हमने भाजपा द्वारा सरकार गिराने की कोशिशों पर बात की थी। मैं इस बारे में उन्हें बता रहा था। मैंने 7 मार्च को उनसे फोन पर बात की थी। तब मुझे पता चला कि उनके तेज बुखार है और इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।" बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हुए और इसके बाद उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया गया।

जानकारी

बुधवार को पांच जिलों के कलेक्टरों के तबादले

बुधवार को राज्य सरकार ने गुना, ग्वालियर, नीमच, विदिशा और हरदा के कलेक्टर का तबादला किया। इनमें से ग्वालियर, गुना और विदिशा सिंधिया के प्रभाव वाले जिले माने जाते हैं। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के कुछ ही घंटे बाद यह खबर आई।

समीकरण

विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हुए तो अल्पमत में आ जाएगी कांग्रेस सरकार

मध्य प्रदेश में सियासी घटनाक्रम शुरू होने से पहले कमलनाथ सरकार के पास सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों समेत कुल 121 विधायकों का समर्थन था, जिसमें से 114 कांग्रेस के विधायक थे। वहीं भाजपा के विधायकों की संख्या 107 थी। 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 92 पर आ गई है। यदि इसमें सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी जोड़ दिए जाएं तो यह संख्या 99 तक ही पहुंचेगी।

मध्य प्रदेश

ये है विधानसभा का गणित

मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं और इसमें से दो सीट खाली हैं। ऐसी स्थिति में 228 सीटें बची। इनमें से 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। अगर इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो कुल विधायकों की संख्या 206 हो जाएगी, जिसके बाद बहुमत के लिए 104 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। ऐसे में अगर भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो कमलनाथ के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।