
बिमल रॉय की 'दो बीघा जमीन' 72 साल बाद अब वेनिस फिल्म फेस्टिवल में मचाएगी धमाल
क्या है खबर?
भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई ऐसी फिल्में बनी हैं, जिनकी चर्चा, न सिर्फ देश, बल्कि विदेशों में भी हुई। इन्हीं में से एक थी दिग्गज फिल्म निर्देशक बिमल रॉय की फिल्म 'दो बीघा जमीन'। ये वही फिल्म है, जिसने साल 1953 में यानी आज से 72 साल पहले इतिहास रच दिया था। अब हिंदी सिनेमा की ये कालजयी फिल्म वेनिस फिल्म फेस्टिवल की शान बढ़ाती दिखेगी।
उपलब्धि
बिमल रॉय के बच्चे करेंगे फिल्म की स्क्रीनिंग
अब 'दो बीघा जमीन' को फिर पर्दे पर दिखाया जाएगा। इस फिल्म का 4K रिस्टोरेशन वर्जन वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जा रहा है। इसे खासतौर से वेनिस क्लासिक्स सेक्शन में रखा गया है। फिल्म की स्क्रीनिंग बिमल रॉय के बच्चे करेंगे। जाने माने गीतकार गुलजार ने इस ऐलान का स्वागत किया है। उन्होंने फिल्म को 'ऐतिहासिक' बताया है। बता दें कि IMDb पर इसकी रेटिंग 8.3 है, जो दिखाता है कि लोग इसे कितनी पसंद करते हैं।
बयान
फिल्म देखने के बाद क्या बाेले थे राज कपूर?
फिल्म देखने के बाद बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर बोले थे, "मैं इस फिल्म को क्यों नहीं बना सका? अगले 1,000 साल बाद भी भारत की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची बनी तो ये फिल्म उसमें शामिल जरूर होगी।" रॉय को 1954 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार से नवाजा गया। 'नीचा नगर' के बाद यह दूसरी हिंदी फिल्म थी, जिसे कान्स में सम्मानित किया गया था। इसे 11 फिल्मफेयर और 2 राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया।
कलाकार
फिल्म में नजर आए थे बलराज साहनी और निरूपा रॉय
ये फिल्म आज भी अपनी सादगी और गहराई के लिए जानी जाती है। फिल्म में बलराज साहनी ने गरीब किसान शंभू का किरदार निभाया था, जो अपने परिवार के लिए जमीन बचाने की कोशिश करता है। शंभू की पत्नी पार्वती का किरदार निभाया था निरूपा रॉय ने। इसके अलावा फिल्म में मीना कुमारी, मुराद, जगदीप और नजीर हुसैन जैसे कलाकारों ने भी अहम भूमिकाएं निभाईं। 10 लाख रुपये के बजट वाली इस फिल्म ने करीब 70 लाख रुपये कमाए थे।
शुरुआत
इसी फिल्म से हुई थी बिमल रॉय प्रोडक्शन की शुरुआत
यही वो पहली फिल्म थी, जिसके जरिए 'बिमल रॉय प्रोडक्शन' की शुरुआत हुई। संगीतकार सलिल चौधरी को रॉय ने इस फिल्म के जरिए हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक दिया। सलिल ने इस फिल्म की कहानी भी लिखी थी और बलराज साहनी को मुख्य भूमिका के लिए रॉय से मिलवाया था। यह बिमल दा की तीसरी फिल्म थी। किसान और उसके संघर्ष पर बनी इस जबरदस्त फिल्म को दुनियाभर में सराहा गया। फिल्म ऐसी थी, जिसे पूरी दुनिया देखती रह गई।