जम्मू-कश्मीर: गुलाम नबी आजाद के समर्थन में 20 और कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा दिया
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस में इस्तीफा देने वालों की झड़ी सी लग गई है। शुक्रवार को भी केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस के 20 अन्य नेताओं ने आजाद के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि पार्टी नेता राजिंदर प्रसाद के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद इन नेताओं ने भी पार्टी छोड़ने का निर्णय किया है।
पार्टी में जी-हुजूरी का आरोप लगाया
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, इस्तीफा देने वाले 20 नेता जम्मू उत्तरी क्षेत्र की जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। इन सभी ने पार्टी नेता रजिंदर प्रसाद के साथ इस्तीफा दिया है। प्रसाद ने भी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजकर पार्टी में मंडली सिस्टम पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आज पार्टी पूरी तरह से जी-हुजूरी करने वालों और पैराशूट से यहां पहुंचने वालों से घिर गई है। पार्टी लोगों के दुख से दूर होती जा रही है।
जम्मू-कश्मीर में लगातार जारी है इस्तीफों का दौर
आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में इस्तीफों का दौर जारी है। गुरुवार को भी 36 कांग्रेस नेताओं ने आजाद का समर्थन करते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसमें नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी शामिल थे। इससे पहले 64 वरिष्ठ पार्टी नेता भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी, घारू चौधरी, मनोहर लाल शर्मा, महासचिव बलवान सिंह, गुलाम हैदर मालिक, विनोद शर्मा, विनोद मिश्रा आदि शामिल हैं।
4 सितंबर को जनसभा करेंगे आजाद
बता दें कि 4 सितंबर को जम्मू में गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस छोड़ने के बाद पहली जनसभा होगी। इस जनसभा को लेकर आजाद के समर्थकों में खासा उत्साह है। आज के यह इस्तीफे उसी जनसभा से प्रभावित होकर माने जा रहे हैं। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस छोड़ने के बाद यह ऐलान कर चुके हैं कि वो नई पार्टी बनाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि रविवार को आजाद अपनी पार्टी के नाम की घोषणा कर सकते हैं।
आजाद ने 26 अगस्त को दिया था इस्तीफा
बता दें कि आजाद ने 26 अगस्त को राहुल गांधी और आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में लिखा था कि आपके नेतृत्व में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन 2013 में राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया और अध्यादेश फाड़कर बचकाना व्यवहार दिखाया था। सारे फैसले राहुल गांधी और निजी सहायक ले रहे हैं।
आजाद ने किया था भाजपा में शामिल होने से इनकार
इस्तीफा देने के बाद आजाद के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थी, लेकिन कुछ ही देर में उन्होंने इसका खंडन कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे, बल्कि जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी का गठन करेंगे।