
मानसून सत्र में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाया जाएगा महाभियोग प्रस्ताव, INDIA गठबंधन का समर्थन
क्या है खबर?
घर के अंदर से बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में फंसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए केंद्र सरकार आगामी मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाएगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल न्यायाधीश के खिलाफ प्रस्ताव पेश करेंगे। दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी INDIA गठबंधन के सांसदों ने प्रस्ताव के समर्थन की अपील की थी। बताया जा रहा है कि विपक्षी सांसद न्यायाधीश को हटाने के लिए पूरी तरह सहमत हैं और वे प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।
समिति
100 सांसदों के चाहिए होंगे हस्ताक्षर
न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा के कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। संसद में प्रस्ताव पेश होने के बाद एक जांच समिति गठित की जाएगी, जो मामले पर अपनी रिपोर्ट देगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की आतंरिक जांच समिति अपनी रिपोर्ट में न्यायाधीश को दोषी ठहरा चुकी है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, जो 12 अगस्त तक चलेगा।
इस्तीफा
खुद से इस्तीफा नहीं दे रहे न्यायाधीश वर्मा
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल थे। समिति का गठन 22 मार्च को हुआ था, जिसने 3 मई को अपनी रिपोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को सौंपी थी और वर्मा दोषी ठहराते हुए इस्तीफे का विकल्प दिया था। न्यायमूर्ति वर्मा खुद से इस्तीफा नहीं देना चाहते।
विवाद
क्या है नकदी मिलने का मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लग गई थी। उस समय वर्मा शहर में नहीं थे। उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद टीम को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली थी। इसकी जानकारी तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया। इसके बाद जांच समिति गठित हुई थी।