
भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति बीआर गवई, 6 महीने का होगा कार्यकाल
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। उनको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। उन्होंने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लिया है, जो मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। न्यायमूर्ति गवई अगले 6 महीने (23 नवंबर, 2025) तक देश के CJI के पद पर बने रहेंगे। उनके नाम की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेजी गई थी।
ट्विटर पोस्ट
न्यायमूर्ति बीआर गवई ने शपथ ली
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Shri Justice Bhushan Ramkrishna Gavai at Rashtrapati Bhavan https://t.co/KSRP8wDqpz
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 14, 2025
शपथ
पहले बौद्ध और दूसरे दलित CJI
न्यायमूर्ति गवई देश के पहले बौद्ध और दूसरे दलित जाति के CJI हैं। उनसे पहले अनुसूचित जाति के न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन भी CJI रह चुके हैं। केरल से आने वाले बालाकृष्णन जनवरी, 2007 से मई, 2010 तक CJI रहे थे। न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 24 नवंबर, 2025 को न्यायमूर्ति गवई सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
फैसले
न्यायमूर्ति गवई के महत्वपूर्ण फैसले
न्यायमूर्ति गवई अपने कार्यकाल के दौरान 600 से ज्यादा फैसले सुना चुके हैं और 200 से ज्यादा पीठों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ कहा था कि केवल अपराध में आरोपी/दोषी होने पर संपत्तियों को ध्वस्त नहीं किया जा सकता। वे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में कोटे के भीतर कोटा, अनुच्छेद 370, दिल्ली शराब नीति मामला, चुनावी बॉन्ड और नोटबंदी जैसे अहम फैसले सुनाना वाली पीठ का भी हिस्सा थे।
पहचान
कौन हैं न्यायमूर्ति गवई?
न्यायमूर्ति गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। वे बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल आरएस गवई के बेटे हैं। उन्होंने 1985 में वकालत शुरू की। वे 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे। उन्हें 1992 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में महाराष्ट्र सरकार का सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति गवई 2003 में हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और 2005 में स्थायी न्यायाधीश बने।
जानकारी
शपथ ग्रहण में कौन-कौन रहा शामिल?
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व CJI संजीव खन्ना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य शामिल थे। सभी ने उन्हें शपथ ग्रहण के बाद शुभकामनाएं दीं।