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जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का बयान, कहा- फैलाई जा रही अफवाह
जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बयान

जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का बयान, कहा- फैलाई जा रही अफवाह

लेखन गजेंद्र
Mar 21, 2025
07:51 pm

क्या है खबर?

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का पहला आधिकारिक बयान सामने आया है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में कहा, "जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।" कोर्ट ने कहा कि जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में तबादला स्वतंत्र और आंतरिक जांच प्रक्रिया से अलग है।

बयान

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बयान में कहा कि मामले की जानकारी सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंतरिक जांच का आदेश दिया गया, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने साक्ष्य और जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया था। बयान में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक 20 मार्च को होनी थी, लेकिन उससे पहले ही मुख्य न्यायाधीश ने अपनी जांच शुरू कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।

जांच

तबादले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की जांच के बाद आगे की कार्रवाई के लिए आवश्यक प्रक्रिया की जाएगी। तबादले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा का तबादला उनको लेकर चल रही आंतरिक जांच से पूरी तरह अलग और स्वतंत्र है। कोर्ट ने बताया कि जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और कॉलेजियम के सदस्य हैं, इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादले से उनकी वरिष्ठता घटकर 9वीं हो जाएगी।

हैरानी

सभी के जवाबों की समीक्षा के बाद कॉलेजियम प्रस्ताव पारित करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि तबादले के प्रस्ताव को लेकर कॉलेजियम ने 20 मार्च को बैठक की थी, जिसमें CJI और 4 वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों से सलाह ली, संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को भी प्रस्ताव की जानकारी दी और जस्टिस वर्मा को भी पत्र लिखा गया। बयान के मुताबिक, सभी के जवाबों की समीक्षा के बाद कॉलेजियम एक प्रस्ताव को पारित करेगा।

बयान

किस नियम के तहत हो रही आंतरिक जांच?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुरू की गई आंतरिक जांच 1995 के सी. रविचंद्रन अय्यर बनाम जस्टिस एएम भट्टाचार्य और 2015 के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज 'एक्स' बनाम मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के मामलों में स्पष्ट तरीके से समझाया गया है। बयान में कहा गया है कि जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हो रही है। मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय का कहना है कि न्यायमूर्ति वर्मा के मामले से सभी हैरान हैं।

विवाद

क्या है न्यायमूर्ति वर्मा का मामला?

इलाहाबाद हाई कोर्ट से अक्टूबर 2021 में दिल्ली स्थानांतरित हुए यशवंत वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लगी थी। घटना के समय जस्टिस वर्मा शहर में नहीं थे। तब उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुला लिया। आग बुझाने के बाद टीम ने बंगले का मुआयना किया तो विभिन्न कमरों में भारी मात्रा में नकदी मिली। इसकी जानकारी CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर जस्टिस वर्मा का स्थानांतरण कर दिया।

ट्विटर पोस्ट

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