
रोहिंग्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, कहा- अगर विदेशी हैं तो उनके देश भेजें
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बड़ा आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि अगर रोहिंग्या शरणार्थी भारतीय कानून के तहत विदेशी हैं तो उन्हें तुरंत निर्वासित किया जाना चाहिए।
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला देते हुए कहा कि शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) की ओर से जारी पहचान पत्र उनके लिए मददगार नहीं हो सकते हैं।
विवाद
किस मामले पर सुनवाई कर रही थी पीठ
कोर्ट ने गुरुवार को यह बात रोहिंग्याओं की जीवन स्थितियों और उनके निर्वासन की मांग से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कही।
शरणार्थियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाल्वेस और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि बुधवार रात कुछ शरणार्थियों को पुलिस ने पकड़ लिया और निर्वासित कर दिया, जबकि उनके पास UNHCR कार्ड थे।
इसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शरणार्थियों के UNHCR कार्ड विवादित है, भारत शरणार्थी सम्मेलन का पक्षकार नहीं।
विवाद
कोर्ट ने क्या कहा?
शरणार्थियों के वकीलों ने कहा कि कोर्ट का UNHCR कार्ड के खिलाफ आदेश अंतरिम है और रोहिंग्या राज्यविहीन नागरिक हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अप्रैल 2021 के आदेश को देखें तो आगे किसी अंतरिम निर्देश की आवश्यकता नहीं है।
बता दें कि अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में बसे रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने के खिलाफ कोई राहत देने से इनकार कर दिया था।
मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।