
इलाहाबाद बार एसोसिएशन यशवंत वर्मा के तबादले से उखड़ा, कहा- कचरे का डिब्बा नहीं हाई कोर्ट
क्या है खबर?
घर में बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में फंसे दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादला करने पर वकील नाराज हो गए हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई है।
वकीलों का कहना है कि विवादों से घिरे न्यायमूर्ति वर्मा की इलाहाबाद पुनर्नियुक्ति से हाई कोर्ट की गरिमा पर सवाल उठ सकते हैं।
विरोध
कचरे का डिब्बा नहीं है इलाहाबाद हाई कोर्ट- एसोसिएशन
हिंदुस्तान के मुताबिक, बार एसोसिएशन ने अपने विरोध को तीखे शब्दों में कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट को कचरे का डिब्बा नहीं बनाया जा सकता, जहां किसी भी विवादित न्यायाधीश का तबादला कर दिया जाए।
वकीलों का कहना है कि अगर न्यायमूर्ति वर्मा के घर में बेहिसाब नकदी मिली है तो उनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए, न किसी हाई कोर्ट में तबादला करके मामला दबाना चाहिए।
उन्होंने सुनवाई न होने पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
विवाद
क्या है मामला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट से अक्टूबर 2021 में दिल्ली स्थानांतरित हुए यशवंत वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लगी थी।
घटना के समय न्यायमूर्ति वर्मा शहर में नहीं थे। तब उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुला लिया।
आग बुझाने के बाद टीम ने बंगले का मुआयना किया तो विभिन्न कमरों में भारी मात्रा में नकदी मिली।
इसकी जानकारी CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण कर दिया।