राज्यसभा में गतिरोध टूटने के संकेत, सात विधेयकों पर चर्चा को तैयार सरकार और विपक्ष

पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच बने गतिरोध के चलते मानसून सत्र के 11 दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। अब सरकार और विपक्ष राज्यसभा में गतिरोध को खत्म करने पर सहमत हुए हैं, जिससे कुछ विधेयक पारित होने की उम्मीद जगी है। राज्यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने इसे लेकर कई बैठकें की थीं, जिसके बाद विपक्ष सदन की कार्यवाही को सुचारू रुप से चलने देने पर सहमत हुआ है।
इंडिया टुडे के अनुसार, मंगलवार को नायडू की तरफ से बुलाई गई बैठक में सरकार और विपक्ष चर्चा को तैयार हुए हैं। अब राज्यसभा में सात विधेयक पेश किए जाएंगे, जिन पर चर्चा के लिए 17 घंटे का समय आवंटित किया गया है। बैठक में सरकार ने कहा कि वो किसान आंदोलन, मंहगाई और देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा को तैयार है। हालांकि, विपक्ष ने भी अब तक पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की अपनी मांग छोड़ी नहीं है।
बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच ट्रिब्यूनल्स रिफॉर्म बिल, एयरपोर्ट रेगुलेशन अथॉरिटी बिल, जनरल इंश्योरेंस नेशनलाइजेशन अमेंडमेंट बिल, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टरनशिप अमेंडमेंट बिल और डिपॉजिट्स इंश्योरेंस बिल समेत सात विधेयकों पर चर्चा की सहमति बनी है। इसके साथ ही सदन में बिनॉय बिस्वास और श्रेयस कुमार की तरफ से नए IT नियमों को अवैध करार देने की मांग को लेकर दिए गए नोटिस पर भी चर्चा की जाएगी। बता दें कि मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा।
इससे पहले हंगामे के चलते राज्यसभा का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसे देखते हुए नायडू ने सरकार और विपक्ष से मिलकर गतिरोध का हल निकालने की अपील की थी। उन्होंने सदन का कार्यवाही को दोबारा शुरू करने के लिए विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं और कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठकें की थी। विपक्ष जहां पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की मांग कर रहा है, वहीं सरकार इससे बच रही है।
नायडू ने सोमवार को राजनाथ सिंह, अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इन बैठकों में उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष के रवैये से सदन का कीमती समय बर्बाद हुआ है।
19 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी महज 21 प्रतिशत रही है। इस सत्र में राज्यसभा से चार विधेयक पारित हुए हैं, जिन पर महज 5, 14, 18 और 33 मिनट ही बहस हुई थी। दूसरी तरफ लोकसभा की प्रोडक्टविटी 14 प्रतिशत रही है। दोनो सत्रों की औसत प्रोडक्टिविटी को देखा जाए तो यह करीब 17 प्रतिशत है। सदन में कामकाज न होने से देश को 133 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को संसद को न चलने देने के लिए विपक्ष पर करारा हमला करते हुए कहा कि विपक्ष संसद, लोकतंत्र और जनता का अपमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने किए पर जरा भी पश्चाताप नहीं है। यह पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोला है। दूसरी तरफ विपक्ष भी साथ मिलकर सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने में जुटा हुआ है।