पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा खुलासा- 2014 में भी कांग्रेस-NCP के साथ सरकार चाहती थी शिवसेना
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की विचारधारा के साथ गत तीन दशक से भाजपा के साथ गठबंधन में रहने वाली शिवसेना को लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया।
उन्होंने दावा किया है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भी शिवसेना भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस-NCP के साथ सरकार बनाना चाहती थी।
इस दावे ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
बयान
शिवसेना ने कांग्रेस को दिया था प्रस्ताव
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा की जीत के बाद शिवसेना भी महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को रोकना चाहती थी।
परिणाम आने और किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद शिवसेना ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस-NCP के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन कांग्रेस ने इसे अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद शिवसेना ने न चाहते हुए भी सत्ता में रहने के लिए भाजपा के साथ सरकार बनाई।
डाटा
2014 विधानसभा चुनाव में यह था सीटों का गणित
महाराष्ट में 2014 में हुए चुनावों में 288 में से 121 सीटों पर भाजपा, 62 पर शिवसेना, 44 पर कांग्रेस और 41 पर NCP को जीत मिली थी। किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने पर शिवसेना ने भाजपा के साथ सरकार बनाई थी।
विपक्ष
राजनीति में हार-जीत सामान्य, विपक्ष में बैठना बेहतर- च्वहाण
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से शिवसेना के प्रस्ताव को ठुकराने से पहले उन्होंने भी प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था।
उस समय उन्होंने कहा था कि राजनीति में हार-जीत सामान्य बात है और पार्टी को दोनों को स्वीकार करना चाहिए। सत्ता के लिए अपने विचारों को नहीं बदलना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को सत्ता की भूख नहीं है और वह अतीत में भी चुनाव हारकर विपक्ष में बैठी है।
सहमति
पिछले साल भी गठबंधन के लिए बमुश्किल तैयार हुई थी सोनिया गांधी
चव्हाण ने कहा कि 2019 में भी जब शिवसेना की ओर से उनके पास गठबंधन सरकार बनाने का प्रस्ताव आया तो सोनिया गांधी इस पर तैयार नहीं थी।
वह वैचारिक रूप से अलग पार्टी के साथ सरकार बनाने के समर्थन में नहीं थी, लेकिन अन्य नेताओं ने उनसे विचार-विमर्श कर उन्हें भरोसे में लिया।
इसके बाद ही उन्होंने NCP को साथ लेकर शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर अपनी सहमति जताई थी।
डाटा
2019 विधानसभा चुनाव में यह रहा सीटों का गणित
महाराष्ट में 2019 में हुए चुनावों में 288 में से 105 सीटों पर भाजपा, 56 पर शिवसेना, 44 पर कांग्रेस और 54 पर NCP को जीत मिली थी। पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस व NCP साथ सरकार बनाई।
आरोप
भाजपा पर लगाया विधायक तोड़ने का आरोप
चव्हाण ने आरोप लगाया कि इस बार भाजपा ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-NCP के 40 विधायकों को तोड़ने का प्रयास किया था। उनका यह प्रयास लोकतंत्र को नष्ट करने की ओर बड़ा कदम था। विधायकों को सरकारी पदों का प्रलोभन देकर ब्लैकमेल किया गया।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इसमें सफल हो जाती तो देश में लोकतंत्र पूरी तरह से नष्ट हो जाता। इस बार कांग्रेस ने भाजपा को प्रमुख विरोधी मानते हुए गठबंधन सरकार में सहमति दे दी।
प्रतिक्रिया
शिवसेना और NCP ने दी प्रतिक्रियाएं
चव्हाण की ओर साक्षात्कार में दिए गए बयान के बाद शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री अनिल परब ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी भी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है।
हालांकि, चव्हाण ने दावा किया है तो उन्हें प्रस्ताव देने वाले नेताओं के नाम का खुलासा करना चाहिए।
NCP प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव कभी भी उनकी पार्टी को नहीं मिला था। शिवसेना ने चव्हाण को प्रस्ताव दिया होगा, लेकिन उन्हें नहीं।
असली चरित्र
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कही यह बात
बयान के बाद भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि चव्हाण के इस खुलासे के बाद हिन्दुत्व के नाम का चुनाव लड़ने वाली शिवसेना का असली चरित्र सबके सामने उजागर हो गया है। क्या पार्टी किसी भी विचारधारा, सिद्धांत और मूल्यों पर विश्वास नहीं करती है? क्या सत्ता ही उनके लिए सब कुछ है? यह दावा पूर्व मुख्यमंत्री का है तो इसमें सच्चाई अधिक होनी चाहिए।