लोकसभा: अभद्र आचरण के लिए कांग्रेस के सात सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित
लोकसभा के बजट सत्र में गुरुवार को भाजपा की सहयोगी RLP के सदस्य हनुमान बेनीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन के नियमों के विरूद्ध आचरण करने वाले कांग्रेस के सात सांसदों को पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा के शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। बेनीवाल ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। हंगामे के बाद लेखी ने लोकसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
इन कांग्रेस सांसदों को किया निलंबित
लोकसभा स्पीकर द्वारा अभद्र व्यवहार के मामले में निलंबित किए गए कांग्रेस सांसदों में गौरव गोगोई, गुरजीत सिंह, टीएन प्रतापन, डीन कुरीकोस, आर उन्नीथन, मनिकम टैगोर, बेनी बेहन और गुरजीत सिंह औजला शामिल हैं। संसदीय कार्य मंत्री की ओर से सांसदों को निलंबित करने के लिए लोकसभा में रखे के प्रस्ताव को अन्य सांसदों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। ऐसे में ये भी सांसद अब बजट के शेष सत्र में लोकसभा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
बेनीवाल ने कोरोना वायरस को लेकर की थी सोनिया गांधी पर टिप्पणी
लोकसभा में सुबह सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद कोरोना वायरस पर चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा कोरोना वायरस सोनिया गांधी के घर (इटली) से आया है या नहीं, इसकी जांच की जानी चाहिए। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। इससे पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस से आने वाले खतरे के लिए सरकार को पहले ही चेता दिया था।
अधीर रंजन चौधरी ने पूछा- यह क्या तानाशाही है?
कांग्रेस नेता कर रहे सदन का अपमान- भाजपा नेता
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सांसदों ने अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीनकर उन्हें फाड़ते हुए फेंककर सदन का अपमान किया है। वह इस तरह के आचरण की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
दिल्ली हिंसा पर चर्चा करना चाहते थे सांसद
आपको बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा में 46 लोगों की मौत और संपत्ति के नुकसान को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष के सांसद इस पर चर्चा करना चाहते थे। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें कहा था सरकार होली के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है। स्पीकर के आश्वासन के बाद भी सांसद हंगामा करते रहे। उस दौरान कई सांसदों ने टेबल पर रखे कागजों को फाड़कर स्पीकर की ओर फेंक दिया था।
पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने की मामले की निंदा
पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है। वह इस व्यवहार की निंदा करती है। उन्होंने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे घ्वनिमत से पास कर दिया गया।
स्पीकर बिरला ने नहीं लिया सदन की कार्यवाही में हिस्सा
आपको बता दें कि सांसदों के हंगामे से व्यथित होकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया था। बिरला ने मौन रह कर अपना विरोध प्रकट किया था। उन्होंने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया। इस कार्रवाई पर कांग्रेस का कहना है कि सत्ता पक्ष के लोग भी हंगामा कर रहे थे। कांग्रेस पहले दिन से ही दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रही है।
कांग्रेस ने लगाया बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप
कांग्रेस ने अपने सात सांसदों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया है। कांग्रेस का दावा है कि यह कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष की नहीं, बल्कि सरकार की है। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार के इस तानाशाही वाले निर्णय से पार्टी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं और वे दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाते रहेंगे।
अभी तक हंगामेदार रहा है लोकसभा का बजट सत्र
आपको बता दें कि 2 मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 3 अप्रैल तक चलेगा। अभी तक पूरा सत्र हंगामेदार रहा है। विपक्ष लगातार दिल्ली हिंसा और अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है, जिसके चलते लगातार कार्यवाही बाधित है। संदन के भीतर हंगामा हो रहा है तो वहीं सांसद लगातार संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने भी प्रदर्शन कर रहे हैं।