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प्रदूषण के मामले पर अहम बैठक छोड़ इंदौर में पोहा-जलेबी खाते दिखे गौतम गंभीर

प्रदूषण के मामले पर अहम बैठक छोड़ इंदौर में पोहा-जलेबी खाते दिखे गौतम गंभीर

Nov 15, 2019
05:22 pm

क्या है खबर?

दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। इस मुद्दे पर शुक्रवार को शहरी विकास मंत्रालय की संसदीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन कई सांसद और अधिकारी इस बैठक से नदारद रहे। इनमें से एक नाम गौतम गंभीर का है। पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर को इस बैठक में शामिल होना था, लेकिन इसकी बजाय वो इंदौर में पोहा-जलेबी का मजा उठा रहे हैं।

वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण के कारण घरों में रहने को मजबूर लोग

दिल्ली में पिछले तीन दिनों से हवा की गुणवत्ता इस कदर खराब है कि सरकार को स्कूल बंद करने पड़े हैं और लोग घरों में रहने पर मजबूर है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि हवा साफ करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को तलब किया है।

लापरवाही

बैठक में नदारद रहे अधिकतर सांसद और अधिकारी

प्रदूषण के मामले पर बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली नगर निगम के तीन आयु्क्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण के उप प्रमुख और कई सांसद हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। इस वजह से यह बैठक स्थगित कर दी गई है। कमेटी के 29 में से केवल चार सांसद ही इस बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। ऐसे में यह बात आसानी से समझी जा सकती है कि नेताओं और अधिकारियों को आम लोगों के स्वास्थ्य की कितनी चिंता है।

लापरवाही

बैठक छोड़कर पोहा और जलेबी खा रहे थे गंभीर

क्रिकेट छोड़कर राजनीति में आए गंभीर फिर क्रिकेट की तरफ चल दिए। दरअसल, गंभीर भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में कमेंट्री करने के लिए इंदौर में मौजूद हैं। बैठक से पहले पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें गंभीर मजे से पोहा और जलेबी खाते हुए नजर आ रहे थे। विडंबना देखिये कि कल ही गंभीर ने कहा था कि प्रदूषण को लेकर चिंता जताई थी।

ट्विटर पोस्ट

लक्ष्मण के साथ गंभीर

सफाई

गंभीर ने दी सफाई

बैठक से नदारद रहने पर गंभीर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बयान जारी कर बताया कि वो अपनी लोकसभा में कई विकास कार्य करवा रहे हैं और विशाल एयर प्योरीफायर लगवाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मूल्यांकन उनके द्वारा करवाए जा रहे काम के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके कमर्शियल कॉन्ट्रैक्ट सांसद बनने से पहले से जारी है ऐसे में उन्हें पूरा करना भी जरूरी है।

ट्विटर पोस्ट

यहां पढ़िये गौतम गंभीर का पूरा बयान

असंवेदनशीलता

सरकारें नहीं उठा रहीं प्रभावी कदम

हालांकि, प्रदूषण के मुद्दे पर लापरवाह नेताओं की असंवेदनशीलता का यह पहला उदाहरण नहीं है। इसकी मार उत्तर भारत में रहने वाले अधिकतर लोग सालों से झेल रहे हैं। सरकारों को पता है कि दीवाली के बाद दिल्ली 'गैस चैंबर' में तब्दील हो जाती है बावजूद इसके सरकारों की तरफ से एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने के अलावा कोई कदम नहीं उठाए जाते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ दिन पहले प्रदूषण से बचने के लिए गाजर खाने की सलाह दी थी।

बेतुके बोल

अपने हाथ खड़े कर चुकी सरकारें!

कुछ दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा था कि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए गाजर का सेवन करना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार ने प्रदूषण से निपटने में हाथ खड़े कर दिए हैं। उनके अलावा उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने तो अपनी जिम्मेदारी इंद्र भगवान पर डाल दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को यज्ञ करने चाहिए। जिससे खुश होकर भगवान इंद्र सब कुछ ठीक कर देंगे।