इस पैनल की सिफारिश मानी गई तो वापस लाया जा सकता है 500 बिलियन डॉलर कालाधन
क्या है खबर?
विदेशों में जमा भारतीयों की काले धन को वापस लाने के लिए एक हाई लेवल ट्रेड पैनल ने तरीका सुझाया है।
पैनल ने अनुमान जताया है कि जिन लोगों का विदेशों में काला धन जमा है उन्हें लंबी अवधि के सरकारी बॉन्ड जारी किए जाए तो सरकार लगभग 500 बिलियन डॉलर वापस देश में ला सकती है।
ट्रेड पॉलिसी पर हाई लेवल एडवाइजरी ग्रुप (HLAG) ने देश के व्यापार को मजूबत करने के लिए सिफारिशें दी है।
सिफारिश
आधारभूत सरंचनाओं के विकास पर लगे पैसा- पैनल
इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, पैनल ने कहा कि जिन लोगों का काला धन विदेशों में जमा है, उन्हें 'एलीफेंट बॉन्ड' जारी करने चाहिए।
इसके तहत उन्हें कालेधन की जानकारी देनी होगी और उन पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
ऐसे लोगों को अपनी अघोषित संपत्ति का 40 फीसदी हिस्सा इन बॉन्ड में निवेश करना होगा। इसके बदले उन्हें फिक्स्ड कूपन सिक्योरिटी मिलेगी।
पैनल ने कहा इस तरह लाये गए पैसे से देश में आधारभूत सरंचनाओं का विकास होना चाहिए।
पैनल
पिछले साल किया गया था पैनल का गठन
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने पिछले साल अर्थशास्त्री सुरजीत एस भल्ला के नेतृत्व में HLAG का गठन किया था।
HLAG ने अनुमान जताया कि एलीफेंट बॉन्ड के जरिए देश के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 500 बिलियन डॉलर का फंड जुटाया जा सकता है।
भल्ला ने कहा कि अगर भारत 300 बिलियन डॉलर भी वापस लाने में कामयाब होता है तो इससे आधारभूत सरंचना की कमी दूर हो सकती है। साथ ही यह निवेश और बचत की खाई को पाट देगा।
सिफारिश
सिफारिशें लागू होने पर रुपये को मिलेगी मजबूती- पैनल
भल्ला ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो ब्याज दर में काफी गिरावट आएगी और रुपये को मजूबती मिलेगी।
वापस लाए गए पैसे में 45 फीसदी जमाकर्ता के पास रहेगा और बाकी 15 फीसदी सरकार टैक्स के रूप में वसूलेगी।
HLAG ने सिफारिश दी है कि एलीफेंट बॉन्ड में निवेश की गई कुल रकम का 75 फीसदी ब्याज टैक्स के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है।
इसके तहत कालेधन का खुलासा करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
योजना
कई देशों में जारी है ऐसी योजनाएं
भल्ला ने बताया कि दुनिया के कई देश कालेधन पर लगाम लगाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह कालेधन से बचने का एक अच्छा मौका है।
उन्होंने कहा कि अपनी अघोषित संपत्ति का खुलासा करने वालों को केवल 15 फीसदी टैक्स के रूप में देना पड़ेगा और उन्हें एलीफेंट बॉन्ड में निवेश पर भी किसी तरह की पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी।
पाकिस्तान, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया और फिलीपींस पहले ही ऐसी योजनाओं को अपना चुके हैं।
योजना
इंडोनेशिया में 2016 से जारी है योजना
भल्ला ने कहा कि इंडोनेशिया ने 2016 में ऐसी योजना को शुरू किया गया था और उसे अब तक 9.70 लाख लोगों से 368 बिलियन डॉलर की अघोषित संपत्ति मिल चुकी है।
उन्होंने कहा कि HLAG की सिफारिशों को अगर लागू किया जाता है तो यह इंडोनेशिया से कड़ी योजना होगी। भल्ला ने कहा कि HLAG की सिफारिशें कालेधन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक भी हैं।