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    राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सियासत के सबसे बड़े 'चाणक्य' बनकर उभरे अमित शाह, जानें उपलब्धियां

    राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सियासत के सबसे बड़े 'चाणक्य' बनकर उभरे अमित शाह, जानें उपलब्धियां
    लेखन भारत शर्मा
    Jan 20, 2020, 08:20 pm 1 मिनट में पढ़ें
    राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सियासत के सबसे बड़े 'चाणक्य' बनकर उभरे अमित शाह, जानें उपलब्धियां

    सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कंधों से इसका भार कम हो गया। 2014 में पार्टी की बागडोर संभालने वाले शाह ने करीब 65 महीनों तक भाजपा की कमान संभाली। इस बीच उन्होंने कई बड़े काम किए और भाजपा को सदस्यों की संख्या के मामले में विश्व की नंबर एक पार्टी बना दिया। आइए उनकी कुछ बड़ी उपलब्धियों के बारे में जानें।

    राजनाथ सिंह के गृहमंत्री बनने के बाद शाह को मिली थी जिम्मेदारी

    2014 में राजनाथ सिंह ने गृहमंत्री बनने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मंत्रीमंडल ने 9 जुलाई, 2014 को अमित शाह को नया अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी।

    हरियाणा में पहली बार बनाई भाजपा की सरकार

    राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह की पहली सफलता यह रही कि उनकी रणनीति और प्रयासों से भाजपा ने अक्टूबर 2014 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा की सरकार बनाई। इस चुनाव में भाजपा 90 सीटों में से 47 पर जीत दर्ज करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसी प्रकार 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा+ ने 403 में से 325 सीट जीतकर 15 साल बाद सरकार बनाई थी।

    पूर्वोत्तर राज्यों में लहराया सफलता का परचम

    शाह की रणनीति और कार्यक्षमता के दम पर ही भाजपा ने देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में सफलता हासिल की। इन राज्यों में भाजपा पहले कभी सरकार में शामिल नहीं हो पाती थी, लेकिन शाह की "जादूगरी" के कारण असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर में कई दशकों से सत्ता पर काबिज दलों को हटाकर भाजपा के मुख्यमंत्री बने तो वहीं, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम की सरकारों में भाजपा शामिल हुई।

    महाराष्ट्र और झारखंड में भी दिलाई सफलता

    शाह ने अपनी मेहनत से न केवल हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी बल्कि उन्होंने 2014 में महाराष्ट्र, झारखंड व जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में भी भाजपा को बड़ी सफलता दिलाई थी। महाराष्ट्र में जहां भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी, वहीं झारखंड में भी भाजपा का मुख्यमंत्री बना था। इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर में उप-मुख्यमंत्री पद हासिल किया। इतना ही नहीं, भाजपा ने केरल में भी अपनी जीत का खाता खोल दिया।

    लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को दिलाया प्रचंड बहुमत

    शाह ने उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहते हुए जो जलवा लोकसभा चुनाव 2014 में दिखाया था, उससे भी बड़ा जलवा उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 2019 लोकसभा चुनाव में दिखाया। इस बार भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई और विरोधियों को चित कर दिया। इस बार भाजपा ने 2014 की 282 सीटों से अधिक 303 सीटें हासिल की। भाजपा ने उन इलाकों में भी जीत हासिल की, जहां उसके लिए कोई मौका नहीं बताया जा रहा था।

    दिग्गज नेताओं को किनारे करने का लगा आरोप

    शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनकी उपलब्धियों के साथ-साथ उन पर कई दिग्गज नेताओं को किनारे करते हुए उनकी राजनीति खत्म करने के आरोप भी लगे। इनमें प्रमुख हैं लालकृष्ण आडवाणी, जो गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव जीतते आ रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में उनका टिकट काटकर खुद शाह ने वहां से चुनाव लड़ा था। इसी प्रकार उनपर मुरली मनोहर जोशी का भी राजनीतिक करियर खत्म करने का आरोप लगा।

    सदस्यों के मामले में दुनिया की नम्बर एक पार्टी भाजपा

    भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद शाह ने पार्टी की विचारधारा व सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए देश के हर राज्य का दौरा कर महासम्पर्क अभियान चलाया। उन्होंने 10 करोड़ सदस्यों का लक्ष्य रखा था, जिसका विरोधियों ने मजाक भी उड़ाया, लेकिन शाह डिगे नहीं। उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे और 10 करोड़ सदस्यों के साथ भाजपा को दुनिया के नम्बर एक पार्टी बना दिया। वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या 11 करोड़ से भी अधिक है।

    जरूरत के हिसाब से मेहनत पर रखा फोकस

    शाह ने पार्टी को सफलता दिलाने के लिए जरूरत के हिसाब से मेहनत की रणनीति तैयार की थी। इसमें उन्होंने सभी सीटों को तीन श्रेणियों में बांट दिया। इनमें भाजपा का गढ़, ऐसी सीटें जहां जीतना संभव नहीं और तीसरी किसी भी पार्टी के खाते में जा सकने वाली सीटें थी। उन्होंने प्रत्येक सीट पर की जाने वाली मेहतन व समय निर्धारित किया था। उन्होंने गांव-गांव में प्रचारक, मोबाइल मोदी रथ और सक्रिय सोशल मीडिया टीमें भी बनाई।

    टि्वटर पर पार्टी के सबसे ज्यादा फॉलोअर्स

    शाह के कार्यकाल में भाजपा के खाते में टि्वटर पर सबसे अधिक फॉलोअर्स होने का रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ। शाह की सक्रिय सोशल मीडिया टीम ने प्रत्येक सदस्य को ऑनलाइन करने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई। भाजपा के वर्तमान में ट्विटर पर एक करोड़ 24 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जो दुनिया की किसी भी राजनीतिक पार्टी के सबसे अधिक हैं। यह भाजपा की बड़ी उपलब्धि है। कांग्रेस के वर्तमान में महज लगभग 60 लाख फॉलोअर्स हैं।

    पार्टी की जमीन पर खुलवाए कार्यालय

    शाह ने सदस्यता अभियान के बाद पार्टी का कार्यालय खोलने की मुहिम चलाई। रिपोर्ट्स की मानें तो वर्तमान में 78 प्रतिशत जगहों पर पार्टी का खुद का कार्यालय है। इसमें दिल्ली में 350 करोड़ की लागत से बना राष्ट्रीय कार्यालय भी शामिल है।

    पार्टी के कामकाज में किया बड़ा बदलाव

    शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर पकड़ मजबूत करने के लिए होटलों की जगह सर्किट हाउसों में रुकना शूरू कर दिया था। वह कार्यकर्ताओं से सीधे मिलते थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं की बात पार्टी तक पहुंचाने के लिए नया सिस्टम बनवाया और चुनाव खर्च का पैसा थर्ड पार्टी की जगह सीधे बैंक खाते में लेने की प्रक्रिया शुरू की। शाह का मानना है संगठन 24 घंटे 365 दिन गतिशील रहना चाहिए।

    ऐसा रहा है अमित शाह का करियर

    22 अक्तूबर, 1964: मुंबई में अमित शाह का जन्म 1978: RSS के तरुण स्वयंसेवक बने 1987: भारतीय जनता युवा मोर्चा में शामिल हुए 1997: भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बने 1999: गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष बने 2002-2010: गुजरात सरकार में मंत्री रहे 2013: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बने 2014: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने 2016: भाजपा अध्यक्ष पद के लिए फिर से चुने गए 2019: केन्द्र सरकार में गृहमंत्री बने

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