कर्नाटक में नहीं मिलेगी ओला कैब्स, सरकार ने छह महीनों तक लगाई रोक
क्या है खबर?
कर्नाटक परिवहन विभाग ने ओला कैब्स (ANI टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड) को नोटिस जारी करते हुए राज्य में तुरंत प्रभाव से उसकी सेवाओं के संचालन पर रोक लगा दी है।
विभाग ने कानून के उल्लंघन के आरोपो में राज्य में कैब और दोपहिया टैक्सी के संचालन पर रोक लगाई है। राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए छह महीनों के लिए कंपनी को दिया गया लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
नियम
लाइसेंस का हिस्सा नहीं थी बाइक टैक्सी
परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि कंपनी नियमों का उल्लंघन किया है।
कंपनी को दिए गए लाइसेंस में केवल ऐप-बेस्ड कैब के संचालन की इजाजत थी। दोपहिया टैक्सी कंपनी को दिये गए लाइसेंस का हिस्सा नहीं थी।
इसे लेकर विभाग को काफी समय से शिकायतें मिल रही थी। अधिकारियों ने बताया कि पिछले काफी समय मेें क्षेत्रीय परिवहन अथॉरिटी से इसे लेकर शिकायतें मिल रही हैं।
इसके बाद विभाग ने इस मामले का संज्ञान लिया है।
नियम
राज्य में नहीं है बाइक टैक्सी के लिए नियम
राज्य में ओला और उबर को 'कर्नाटक ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स रूल्स 2016' के तहत लाइसेंस दिया गया है, लेकिन इसमें बाइक टैक्सी का प्रावधान नहीं है।
दोनों कंपनियों ने 2016 में बाइक टैक्सी सर्विस शुरू की थी, जिसके बाद परिवहन विभाग और कैब कंपनियों के बीच तनातनी शुरू हो गई।
इसके बाद राज्य सरकार ने बेंगलुरू में बाइक टैक्सी के लिए नियम बनाने की बात की थी, लेकिन इस मामले में खास प्रगति नहीं हुई है।
जानकारी
कंपनी का बयान
ओला ने राज्य सरकार के इस नोटिस को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कंपनी राज्य सरकार के अधिकारियों के संपर्क में है और जल्द ही इस मामले का समाधान कर लिया जाएगा।
समाधान
जल्द मामले का समाधान निकाल सकती है ओला
परिवहन विभाग की इस कार्रवाई का ओला पर बड़ा असर होगा। ओला के लिए बेंगलुरू सबसे बड़ी मार्केट है।
रोजाना लगभग 20 लाख लोग देशभर में ओला की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
इनमें से 70-80 प्रतिशत बिजनेस बेंगलुरू समेत सात शहरों से आता है।
जानकारों का मानना है कि ओला जल्द ही इस मामले का समाधान निकाल लेगी, जिससे उसे छह महीने तक अपनी सर्विस पर रोक नहीं लगानी पड़ेगी।