बिहार सरकार ने मांगी RSS और दूसरे संगठनों के नेताओं की जानकारी, भाजपा ने बताया जासूसी
क्या है खबर?
बिहार की स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस विंग ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके अनुषांगिक संगठनों के राज्य पदाधिकारियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का आदेश दिया है।
इससे राज्य में गठबंधन सरकार चला रही जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव फिर सतह पर आ गया है।
यह आदेश मई में जारी किया गया है, जिसमें उनसे संगठनों के पदाधिकारियों का नाम और पते की जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा गया था।
जानकारी
28 मई को जारी हुआ था आदेश
28 मई को स्पेशल ब्रांच SP राजीव रंजन के नाम से जारी इस आदेश में RSS से जुड़े संगठनों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष और दूसरे लोगों के फोन नंबर, व्यवसाय और कारोबार की जानकारी मांगी गई थी।
तनाव
दोनों पार्टियों के बीच दूरियां बढ़ा सकता है यह आदेश
नीतीश कुमार और भाजपा के बीच पिछले काफी दिनों से तनाव देखा जा रहा है।
इसकी शुरुआत मोदी सरकार 2.0 के मंत्रीमंडल में जदयू को मंत्रीपद नहीं दिए जाने से हुई थी।
इसके बाद नीतीश कुमार ने अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल किया और भाजपा को खास तवज्जो नहीं दी।
इसके अलावा जदयू नागरिकता संशोधन बिल और तीन तलाक मामले में भाजपा से अलग मत जाहिर कर रही है। अब इस फैसले से यह तनाव और बढ़ सकता है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये पत्र की कॉपी
Bihar: In a letter dated 28/5/19, Superintendent of Police (Special Branch), Patna directed Deputy SPs (Special Branch) to "collect names,addresses, phone no professions of the office bearers of RSS its below mentioned supporting orgs", residing in their areas "within 1 week" pic.twitter.com/QnfMYAvgRs
— ANI (@ANI) July 16, 2019
जानकारी
बचाव की मुद्रा में बिहार पुलिस
बुधवार को यह पत्र सामने आने के बाद बिहार पुलिस बचाव की स्थिति में आ गई। स्पेशल ब्रांच के एडिशनल डायरेक्टर जनरल जेएस गंगवार ने कहा कि इस आदेश को जारी करने वाले SP ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भरोसे में नहीं लिया था।
पत्र
पत्र में इन संगठनों की जानकारी मांगी गई
स्पेशल ब्रांच द्वारा जारी इस पत्र में दुर्गा वाहिनी, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, हिंदू राष्ट्र सेना, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ और अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी।
पुलिस ने इसे नियमित अभ्यास बताते हुए कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम नियमित अंतराल पर ऐसी जानकारी इकट्ठा करती रहती है।
प्रतिक्रिया
भाजपा ने बताया जासूसी
भाजपा के प्रवक्ता रजीब रंजन ने नीतीश सरकार के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "हर कोई जानता है कि RSS एक राष्ट्रवादी संगठन है जो देश के हित में काम कर रहा है। बिहार पुलिस RSS की जासूसी कर रही है जो गैर जरूरी और गैर-कानूनी है।"
विवाद बढ़ता देख जदयू सरकार में मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि पुलिस का यह आदेश रुटीन गतिविधि है।
राजनीति
विपक्ष ने किया सरकार के फैसले का स्वागत
राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच तनाव पैदा करने वाले इस फैसले का विपक्ष ने स्वागत किया है।
कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार को RSS और उसके अनुषांगिक संगठनों की जानकारी हासिल करने का अधिकार है।
वहीं राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ऐसा जानकारी लेना सरकार का हक है और इसमें कुछ गलत नहीं है।