चंद्रशेखर राव ने बढ़ाया पार्टी का दायरा, राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च की भारत राष्ट्र समिति
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी का दायरा बढ़ाते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब तेलंगाना राष्ट्र समिति को भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नाम से जाना जाएगा। खुद को राष्ट्रीय स्तर के नेता के तौर पर पेश करते हुए राव पिछले कुछ महीनों ने विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे थे। अब 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने तेलंगाना से बाहर अपनी पार्टी का विस्तार किया है।
3 नवंबर को हो सकती है पहली परीक्षा
माना जा रहा है कि मुनुगोड में 3 नवंबर को होने वाला उपचुनाव इस नई पार्टी का पहला चुनाव होगा। तेलंगाना के बाहर यह पार्टी गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और कर्नाटक में अपने प्रत्याशी उतार सकती है। दशहरे के दिन दोपहर 1:19 बजे के चंद्रशेखर राव ने इस नई पार्टी का ऐलान किया। इस मौके पर भारत राष्ट्र समिति के सांसद, विधायक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
अभी नहीं मिला है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
इस ऐलान से पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति की कार्यकारिणी के सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित कर इसके भारत राष्ट्र समिति में विलय की मंजूरी दी थी। बता दें कि भारत राष्ट्र समिति अभी राष्ट्रीय तकनीकी रूप से राष्ट्रीय पार्टी नहीं बनी है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए किसी भी दल को चार राज्यों में कम से कम छह प्रतिशत वोट और चार लोकसभा सीटें या तीन राज्यों में 2 प्रतिशत लोकसभा सीटें हासिल करनी होती है।
भाजपा को टक्कर देने पर है नजर
BRS के प्रमुख के चंद्रशेखर राव कई मौकों पर कह चुके हैं कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देंगे। उन्होंने कई विपक्षी नेताओं से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की है। पिछले काफी समय से राव और भाजपा के बीच तनाव साफ तौर पर नजर आया है और उन्होंने प्रधानमंत्री के कई कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया है और न ही वो प्रधानमंत्री का स्वागत करने आते हैं।
अलग राज्य की मांग के साथ जुड़ा है पार्टी का इतिहास
TRS का इतिहास अलग तेलंगाना राज्य की मांग के साथ जुड़ा हुआ है। दरअसल, राव ने आंध्र प्रदेश से तोड़कर अलग तेलंगाना बनाने की मांग को लेकर अप्रैल, 2001 में TRS का गठन किया था। तेलुगू देशम पार्टी से अलग होकर अपना दल बनाने वाले राव की एकमात्र मांग अलग राज्य का गठन करना था। 2 जून, 2014 को तेलंगाना अलग राज्य बना और राव ने इसके पहले मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभाली।