कौन हैं कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी, जो बन सकते हैं तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री?
तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ होने लगे हैं और यहां कांग्रेस एक बड़ी जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। इस बीच चुनाव नतीजों से साथ-साथ इस बात की भी चर्चा तेज हो गई है कि कांग्रेस यहां मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी किसे सौंपेगी। कांग्रेस की ओर से अभी मुख्यमंत्री की रेस में सबसे बड़ा नाम तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी का है। आइए जानते हैं कि रेड्डी कौन हैं और उनका राजनीतिक प्रभाव कितना है।
कौन हैं रेवंत रेड्डी?
रेवंत का जन्म 8 नवंबर, 1967 को आंध्र प्रदेश के नगरकुर्नूल के कोंडारेड्डी पल्ली में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद में ओस्मानिया विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स में स्नातक किया है। वह छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे। रेड्डी ने 1992 में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी अनुमुला गीता से शादी की। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम न्यामिषा है। वह वर्तमान में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष हैं।
कैसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत?
रेड्डी के राजनीतिक सफर की शुरुआत स्थानीय निकाय चुनाव से हुई। उन्होंने 2006 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जिला परिषद क्षेत्रीय समिति के सदस्य चुने गए। वह 2007 में निर्दलीय ही आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने। इस दौरान वह तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के करीब आए और पार्टी का हिस्सा बन गए। 2009 में रेड्डी ने कोडंगल सीट से TDP के टिकट पर अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
2017 में कांग्रेस में शामिल हुए रेड्डी
रेड्डी तेलंगाना के गठन से पहले 2014 विधानसभा चुनाव में दोबारा कोडंगल सीट से TDP के टिकट पर चुनाव लड़े। इस चुनाव में उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) उम्मीदवार को 14,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद TDP ने रेड्डी को नवगठित तेलंगाना विधानसभा में नेता सदन बनाया दिया। 2017 में कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने उन्हें नेता सदन के पद से बर्खास्त कर दिया और वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस में तेजी से सफलता की सीढ़ी चढ़े रेड्डी
रेड्डी ने 2018 में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के 3 कार्यकारी अध्यक्षों में से एक चुने गए। इसी साल वह तीसरी बार कोडंगल सीट से विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भारत राष्ट्र समिति (BRS) के उम्मीदवार से पहली शिकस्त मिली। उन्होंने 2019 में मल्काजगिरि सीट से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और BRS उम्मीदवार को 10,000 से अधिक वोटों से हराया। उन्हें 2021 में तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।
विवादों में भी रहे हैं रेड्डी
रेड्डी पहली बार 2015 में विवादों में आए गए थे। तेलंगाना की अपराध निरोधक शाखा (ACB) ने उन्हें रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। विधान परिषद चुनाव में रिश्वत देने का एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई हुई थी। हालांकि, मामले में उन्हें तेलंगाना हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई थी। उन्हें हाल में ही चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
कामारेड्डी सीट पर मुख्यमंत्री राव से आगे चल रहे रेड्डी
इस बार के चुनाव की बात करें तो रेड्डी कामारेड्डी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनके सामने BRS प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव हैं। यहां से रेड्डी आगे चल रहे हैं और राव हार रहे हैं। पूरे राज्य की बात करें तो कांग्रेस 119 में से लगभग 69 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं BRS 37 सीटों पर आगे है। भाजपा 7 और अन्य पार्टियों के उम्मीदवार 6 सीटों पर आगे हैं।
मुख्यमंत्री पद के लिए रेड्डी की इन नेताओं से टक्कर
रेड्डी के बाद मुख्यमंत्री की रेस में दूसरा नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क का है, जबकि तेलंगाना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष उत्तमकुमार रेड्डी भी पद पर दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री की रेस में कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी भी शामिल हैं। वह चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री पद के लिए पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी भी एक प्रबल दावेदार हैं, जिन्होंने BRS का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा है।