पेट्रोल-डीजल की कीमतों को अब तक के उच्च स्तर पर बताना सही नहीं- धर्मेंद्र प्रधान
देश में पेट्रोल और डीजलों की कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार को भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 30 पैसे और डीजल पर 25 पैैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी को लेकर राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को अब तक के उच्चतम स्तर पहुंचने की बात कही तो केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे एक 'मिथ्या' करार दे दिया।
राजधानी दिल्ली में 87 रुपये के पार पहुंचा पेट्रोल
बता दें कि बुधवार को पेट्रोल में 30 पैसे की बढ़ोतरी के साथ राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 87.30 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। इसी तरह 25 पैसे की बढ़ोतरी के बाद डीजल की कीमत 77.73 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। तेल कंपनियों ने मंगलवार को भी पेट्रोल पर 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इस साल अभी तक पेट्रोल 3.89 रुपये और डीजल 3.86 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
सांसद वेणुगोपाल ने किया कीमतों के उच्चतम स्तर पर पहुंचने का दावा
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा कि देश में तेजी से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। हालत यह हो गई कि कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसका जवाब देते हुए पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने कहा कि कीमतों को उच्चतम स्तर पर बताना महज एक 'मिथ्या' है। पिछले 300 दिनों में 250 दिन कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। ऐसे में कीमतों तो उच्चतम स्तर पर बताना गलत है।
मेरे गांव में 100 रुपये लीटर बिक रहा है पेट्रोल- वेणुगोपाल
सांसद वेणुगोपाल ने कहा, "मंत्री का जवाब गुमराह करने वाला है। मेरे गांव में 100 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल बिक रहा है। वर्तमान में देश में तेल की कीमतें उच्चतम स्तर पर है, लेकिन कच्चे तेल की नहीं है।" इस पर मंत्री ने कहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 61 डॉलर प्रति बैरल है। वेणुगोपाल जी केरल से आते हैं और वहां के अधिकतर लोग खाड़ी देशों में रहे हैं। ऐसे में उन्हें कीमतों का पता रखना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करते हैं दाम- प्रधान
मंत्री प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार का पेट्रोल और डीजल की कीमतों से बहुत कम लेना-देना है और कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर होती हैं। उन्होंने कहा कि यह सावधानी से निपटने वाला मुद्दा है। इस पर लगने वाले टैक्स को लेकर केंद्र और राज्य दोनों जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की तो राज्यों ने वैट बढ़ा दिया। हालांकि, केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में कमी भी की है।
देश को आयात करना करना पड़ता है 85 प्रतिशत कच्चा तेल- प्रधान
मंत्री प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों का देश पर सीधा असर पड़ता है। वर्तमान में देश की आवश्यकता की पूर्ति के लिए 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करना पड़ता है। अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में इजाफा होने पर देश में भी तेल की कीमतों पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तेल विपणन कंपनियों को स्वतंत्रता दे रखी है। ऐसे में देश में तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर है।