
पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ED ने गिरफ्तार किया मुख्यमंत्री चन्नी का भतीजा
क्या है खबर?
पंजाब विधानसभा चुनाव से महज दो हफ्ते पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपेंद्र सिंह हनी को गिरफ्तार किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध खनन के एक मामले में कल शाम उन्हें हिरासत में लिया और देर रात गिरफ्तार कर लिया। आज उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।
हनी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
छापा
ED ने पिछले महीने मारा था हनी के ठिकानों पर छापा
ED ने पिछले महीने अवैध खनन के मामले में हनी के ठिकानों पर छापा मारा था। ED के अनुसार, उनके ठिकानों से अवैध खनन से जुड़े दस्तावेज, संपत्तियों के कागजात, मोबाइल फोन, 21 लाख रुपये का सोना और 12 लाख रुपये की घड़ी बरामद हुई थी।
इसके अलावा ED ने हनी के ठिकानों से आठ करोड़ रुपये बरामद होने का दावा भी किया था।
मामले में कल जालंधर में हनी से पूछताछ की गई और फिर गिरफ्तार कर लिया गया।
मुद्दा
पंजाब में अवैध खनन एक बड़ा मुद्दा
बता दें कि पंजाब में अवैध रेत खनन एक बड़ा मुद्दा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके सभी विधायक अवैध खनन में शामिल हैं।
उन्होंने कहा था कि अगर वे नाम बताना शुरू करेंगे तो उन्हें बिल्कुल ऊपर से शुरू करना पड़ेगा।
सिंह ने मीडिया से ये भी कहा था कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी विधायकों के अवैध खनन में लिप्त होने की सूचना दी थी।
आरोप
भाजपा पर लगता रहता है केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
गौरतलब है कि हनी की गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है जब पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारियों जोरों पर हैं। इसके कारण भी गिरफ्तारी को चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा पर पहले भी विरोधियों को परेशान करने के लिए ED और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगता रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी के एक नेता पर केंद्रीय एजेंसियों ने छापा मारा था।
विधानसभा चुनाव
पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में एक चरण में ही 20 फरवरी को चुनाव होगा और 10 मार्च को नतीेजे घोषित किए जाएंगे।
पंजाब में कांग्रेस जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) और अकाली दल पिछली हार को भूलकर सत्ता में आने के प्रयास कर रही हैं।
कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और वो भाजपा के साथ मिलकर दावेदारी पेश कर रहे हैं।