पंजाब विधानसभा चुनाव: मुख्यमंत्री चन्नी चमकौर साहिब और सिद्धू अमृतसर से लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू समेत कुल 86 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। पार्टी ने चन्नी को उनकी पारंपरिक चमकौर साहिब, सिद्धू को अमृतसर (पूर्व), उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को डेरा बाबा नानक, प्रताप सिंह बाजवा का कादियां और परगट सिंह को जालंधर कैंट से उम्मीदवार घोषित किया है।
मानसा से चुनाव लड़ेंगे मूसेवाला
कांग्रेस ने अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका को मोगा विधानसभा सीट पर उतारा है। पार्टी में शामिल किए जाने के वक्त सिद्धू ने उन्हें 'गेम चेंजर' करार दिया था। वहीं विवादित पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को मानसा से उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने पिछले महीने ही कांग्रेस की सदस्यता ली थी और तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मानसा या मौर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।
भाजपा से पार्टी में वापसी करने वाले विधायक का टिकट कटा
पार्टी ने बस्सी पठाना सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह को फिर से उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री चन्नी यह सीट अपने भाई को दिलाना चाहते थे। कांग्रेस ने इस बार बलविंद्र सिंह लाडी की टिकट काट दी है जो कुछ समय भाजपा में रहकर वापस पार्टी में आए। लाडी आरक्षित सीट श्री हरगोबिंदपुर से निवर्तमान विधायक हैं। उनकी जगह अब इस सीट से मनदीप सिंह रांगर को प्रत्याशी बनाया गया है।
भोलाठ से चुनाव लड़ेंगे सुखपाल सिंह खैरा
सुखपाल सिंह खैरा को भोलाठ विधानसभा सीट पर उतारा गया है। पिछले साल नवंबर में नशा तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
पंजाब में कब होंगे चुनाव?
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में 14 फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और 10 मार्च को नतीेजे घोषित किए जाएंगे। पंजाब में कांग्रेस जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है, वहीं आम आदमी पार्टी और अकाली दल पिछली हार को भूलकर सत्ता में आने के प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और वो भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की दावेदारी पेश कर रहे हैं।
पिछले चुनावों के नतीजे क्या रहे थे?
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में सरकार बनाई थी। आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही थी, वहीं भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन ने 18 सीटें मिली थीं। इनमें से 15 सीट अकाली दल और तीन सीट भाजपा ने जीती थीं। चुनाव बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, लेकिन पिछले साल सितंबर में कांग्रेस ने उन्हें हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को कुर्सी सौंप दी।