पंजाब: चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्र के किस फैसले पर विवाद हुआ?
क्या है खबर?
चंडीगढ़ के कर्मचारियों को लेकर केंद्र सरकार के एक फैसले ने पंजाब की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) से लेकर कांग्रेस और अकाली दल आदि विपक्षी पार्टियों तक, सबने मामले में केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है और उस पर चंडीगढ़ पर पंजाब के हक को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
ये पूरा मामला आखिर है क्या और इस पर किसने क्या कहा, आइए जानते हैं।
विवादित फैसला
केंद्र सरकार के किस फैसले पर विवाद?
रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों पर अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान नियम लागू होंगे।
उन्होंने कहा था कि चंडीगढ़ के कर्मचारियों की सेवा शर्तें केंद्रीय सिविल सेवा के अनुरूप होंगी।
फैसले के फलस्वरूप चंडीगढ़ में कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 58 साल से 60 साल हो जाएगी और महिला कर्मचारियों को बच्चे की देखभाल के लिए एक की बजाय दो साल की छुट्टी मिलेगी।
प्रतिक्रिया
अकाली दल ने फैसले पर क्या कहा?
अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने फैसले पर ट्वीट करते हुए कहा, 'चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्र सरकार के नियम थोपने का गृह मंत्रालय का फैसला पंजाब पुनर्गठन अधिनियम की भावना का उल्लंघन करता है और इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। इसका मतलब पंजाब को हमेशा के लिए राजधानी के अधिकार से वंचित करना है।'
मीडिया से उन्होंने कहा कि पुनर्गठन के समय तय हुआ था कि चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर पंजाब सरकार के नियम लागू होंगे।
कांग्रेस
कांग्रेस ने बताया संघवाद पर हमला
कांग्रेस ने भी केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है।
पार्टी नेता सुखपाल सिंह खैरा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम चंडीगढ़ पर नियंत्रण के पंजाब के अधिकार को हड़पने के भाजपा के तानाशाही फैसले की कड़ी आलोचना करते हैं। ये पंजाब का है और ये एकतरफा फैसला न केवल संघवाद पर हमला है, बल्कि चंडीगढ़ पर पंजाब के 60 प्रतिशत नियंत्रण पर भी हमला है।'
उन्होंने पंजाब सरकार और सांसदों से फैसले का विरोध करने की अपील की।
आम आदमी पार्टी
AAP ने क्या कहा?
AAP ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा AAP से डरी हुई है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, '2017 से 2022 तक पंजाब पर कांग्रेस ने राज किया। अमित शाह ने तब चंडीगढ़ की कोई शक्ति नहीं छीनी। जैसे ही AAP ने पंजाब में सरकार बनाई, अमित शाह ने चंडीगढ़ की सेवाएं छीन लीं। भाजपा AAP के बढ़ते प्रभाव से डरी हुई है।'
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भगवंत मान बोले- अपने अधिकार के लिए मजबूती से लड़ेगा पंजाब
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी मामले पर प्रतिक्रिया जारी की है।
ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार अन्य राज्यों और सेवाओं के अधिकारियों को चरणबद्ध तरीके से चंडीगढ़ प्रशासन पर थोप रही है। यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के शब्दों और भावना के खिलाफ है। चंडीगढ़ पर अपने अधिकार के लिए पंजाब मजबूती से लड़ेगा।'
AAP दिल्ली में भी केंद्र पर अधिकारियों को नियंत्रित करने का आरोप लगा चुकी है।