केंद्रीय मंत्रिमंडल में होगा बदलाव? भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की कई मंत्रियों से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में जल्द बड़ा बदलाव हो सकता है। मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा कई महीनों से चल रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी नेताओं के साथ बैठकों के बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं। बतौर रिपोर्ट्स, मंत्रिमंडल में बदलाव की घोषणा 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले की जा सकती है।
नड्डा ने किस-किस से की मुलाकात?
NDTV के मुताबिक, इस हफ्ते दिल्ली स्थित भाजपा के मुख्यालय में जेपी नड्डा और कई मंत्रियों के बीच मुलाकात हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सबसे पहले नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद किरेन रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल ने भी नड्डा के साथ बैठक की। मई में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी रिजिजू की जगह मेघवाल को दी गई थी। इसके अलावा एसपी सिंह बघेल, गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव और प्रल्हाद सिंह पटेल भी नड्डा से मिले।
कई मंत्रियों को संगठन में मिल सकती है जिम्मेदारी
नड्डा और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई बैठकों के बाद कई मंत्रियों को पार्टी के संगठन में शामिल किए जाने की संभावना बढ़ गई है। इसके साथ ही नए चेहरों को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसी भी अटकलें हैं कि राज्यसभा की सदस्य निर्मला सीतारमण समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उतरने के लिए भी कहा जा सकता है।
भाजपा ने 4 राज्यों में बदले हैं प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा ने पिछले 2 दिनों में संगठनात्मक बदलाव करते हुए 4 राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना का प्रभार सौंपा गया है, जिसके बाद अन्य केंद्रीय मंत्रियों को भी चुनावी राज्यों में जिम्मेदारियां सौंपे जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुनील जाखड़ को पंजाब और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को झारखंड में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
चुनावी राज्यों से नेताओं को मिल सकती है जगह
मोदी मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नेताओं को तवज्जो मिल सकती है क्योंकि इन चारों राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा अध्यक्ष नड्डा से मिलने वाले कुछ मंत्री भी इन्हीं चुनावी राज्यों से हैं। बतौर रिपोर्ट्स, इन मंत्रियों को इस परामर्श के लिए बुलाया गया होगा कि उनके राज्यों से किसे केंद्र सरकार में शामिल किया जा सकता है।