
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के दान में 87 प्रतिशत की बढ़ोतरी, कांग्रेस को कितना फायदा?
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा को मिलने वाले दान में पिछले साल के मुकाबले 87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पार्टी को 2023-24 में कुल 3,967 करोड़ रुपये का दान मिला है।
यह जानकारी भाजपा की 2023-2024 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट से सामने आई है, जो चुनाव आयोग ने प्रकाशित की है।
इस वित्तीय वर्ष में पार्टी के कुल दान में चुनावी बॉन्ड की हिस्सेदारी घटकर 50 प्रतिशत से कम 43 प्रतिशत रह गई है।
दान
भाजपा को पिछले साल कितना मिला था दान
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को पिछले साल 2022-23 में स्वैच्छिक योगदान के रूप में कुल 2,120.06 करोड़ रुपये मिले थे, जो इस साल बढ़कर 3,967 करोड़ रुपये हो गए हैं।
इसी तरह पार्टी को 2022-2023 में चुनावी बॉन्ड के रूप में 1,294.14 करोड़ रुपये मिले थे, जो कुल योगदान का 61 प्रतिशत था।
इस बार 2023-24 में बॉन्ड की यह रकम घटकर 1,685.62 करोड़ रुपये हो गई है, जो कुल योगदान का 43 प्रतिशत है।
खर्च
भाजपा ने प्रचार पर खर्च किए करोड़ों रुपये
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा को 236.3 करोड़ रुपए आजीविका सहयोग निधि, व्यक्तिगत दानकर्ताओं से 240 करोड़ रुपए, कॉरपोरेट्स ने 1,890 करोड़ रुपए, संस्थाओं और कल्याणकारी निकायों ने 101.2 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
आम चुनाव होने के कारण भाजपा ने दिल खोलकर खर्च भी किया। उसने चुनाव और सामान्य प्रचार पर 2023-24 में कुल 1,754.06 करोड़ रुपये खर्च किया है, जो पिछे साल 1,092.15 करोड़ रुपये था।
इसमें से 591.39 करोड़ रुपये विज्ञापनों और प्रचार पर खर्च किए गए।
दान
कांग्रेस के दान में 320 प्रतिशत की बढ़ोतरी
कांग्रेस भले ही दान जुटाने के मामले में भाजपा से पीछे हो, लेकिन इस बार उसे भी काफी योगदान मिला।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 के चुनावी साल में कांग्रेस का दान 320 प्रतिशत बढ़ गया। पार्टी को 2022-23 में 268.62 करोड़ रुपये का दान मिला था, जो 2023-24 में बढ़कर 1,129.66 करोड़ रुपये हो गया।
पार्टी के कुल दान में चुनावी बॉन्ड का हिस्सा 73 प्रतिशत यानी 828.36 करोड़ रुपये रहा, जो 2022-23 में 171.02 करोड़ रुपये से अधिक है।
चंदा
कांग्रेस ने प्रचार पर कितना खर्च किया?
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस का चुनावी खर्च पिछले साल 192.55 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में लोकसभा चुनाव की वजह से बढ़कर 619.67 करोड़ रुपये हो गया।
लोकसभा चुनाव से पहले आर्थिक संकट से गुजर रही कांग्रेस ने लोगों से दान लेने के लिए अभियान भी शुरू किया था, जिसमें उसे मदद मिली।
रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस की 2023-24 में आय पिछले साल के 333.46 करोड़ से बढ़कर 646.39 करोड़ हुई है। इसमें ब़ॉन्ड से 95 प्रतिशत हिस्सा आया है।
बंद
2023-24 था आखिरी साल, अब बंद हो गया है चुनावी बॉन्ड
लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था।
ऐसे में 2023-24 पार्टियों के गुप्त चंदे के लिहाज से आखिरी साल था। हालांकि, इसमें कोई शक नहीं कि इस योजना का सबसे अधिक फायदा भाजपा को हुआ, जिसमें 2019 से 2024 तक कुल बॉन्ड 6,060 करोड़ का आधा हिस्सा भाजपा को मिला है।
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस (1,609.53 करोड़), फिर कांग्रेस (1,421.87 करोड़) को हिस्सा मिला।
चुनावी बॉन्ड
क्या थी चुनावी बॉन्ड योजना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनवरी, 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की, जिसमें सरकार का उद्देश्य राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में नकद दान को खत्म करना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बने।
इसमें लोग भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दे रहे थे, लेकिन इसका खुलासा नहीं होता था।
विपक्षी दलों ने योजना को बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।